नई भर्तियां बंद, आउटसोर्स ही अब बड़ा रिसोर्स
सरकारी विभागों ने सरकार को सौपी बड़े पदों के लिए डिमांड
प्राइवेट व्यक्तियों को सरकारी काम सोपने से खतरे भी होंगे उत्पन्न
प्रमोद व्यास
उज्जैन: 40 वर्षों से सरकारी विभागों में कार्यरत अधिकारियों की सेवानिवृत्ति का दौर अब तेजी से प्रारंभ होने लगा है. विकास प्राधिकरण से लेकर हाउसिंग बोर्ड और पीडब्ल्यूडी से लेकर नगर निगम, सेतु विभाग जल संसाधन, वन विभाग और एमपीआरडीसी से लेकर एनएचआई और अन्य विभागों में रिटायर्ड होने वाले अधिकारियों के स्थान पर नई भर्ती नहीं हो पा रही है. ऐसे में आगामी निर्माण कार्यों और योजनाओं को पूरा करने के लिए आउटसोर्स का सहारा लिए जाने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है.
विभागों ने सौपी डिमांड
नवभारत ने जब इस संबंध में भरतपुरी क्षेत्र के सरकारी विभागों के अधिकारियों से बातचीत की तो उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हाउसिंग बोर्ड ने मध्य प्रदेश सरकार को प्रस्ताव दे दिया है कि यहां पर तेजी से अधिकारी कर्मचारी कम हो रहे हैं, आवासीय व व्यवसायिक योजनाएं धरातल पर नहीं उतर पा रही है, ऐसे में आउटसोर्स से रिक्त पदों की पूर्ति की जाए. विभागों ने जिला कलेक्टर से लेकर मध्य प्रदेश सरकार के सचिवालय तक डिमांड भेजी है.
सिंहस्थ 2028 पर भी असर
सिंहस्थ 2028 भी सर पर है ।बड़े स्तर पर योजनाएं कौन बनाएगा, और कैसे हितग्राहियों से लेकर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए काम हो पाएंगे? ऐसे में आउटसोर्स से भर्ती किए जाने को लेकर डिमांड सरकार को सौपी गई है. इस संबंध में जब जिला प्रशासन और नगर निगम में पड़ताल की तो वहां भी कुछ इसी तरह के हालात बने हुए हैं. सिंहस्थ के मद्देनजर अरबो खरबो के काम उज्जैन में होना है, इसमें कई सारे ब्रिज, फ्लाय ओवर, रेलवे ओवर ब्रिज, मेट्रो से लेकर एयरपोर्ट और रोपवे से लेकर सिक्स लेन जैसे कार्य अभी बाकी है.
अभी छोटे काम के लिए भी आउटसोर्स
नवभारत को अधिकारियो ने बताया कि अभी छोटे कार्यों के लिए आउटसोर्स के माध्यम से कर्मचारी रखे गए हैं फिर बड़े काम के लिए भी रखे जाएंगे कोई ज्यादा फर्क नहीं है. अभी साफ सफाई से लेकर कंप्यूटर ऑपरेटर और हाउसकीपिंग व अन्य छोटे-मोटे काम के लिए कर्मचारियों की भर्ती आउटसोर्स से की गई है, आगे बड़े पदों को लेकर भी धीरे-धीरे आउटसोर्स से ही भर्ती की जाएगी.
50 प्रतिशत आउटसोर्स से होगी भर्ती
नवभारत को जानकारी में आया कि उज्जैन के विभागों में हलचल तेज हो गई है. जिसमें इंजीनियर से लेकर अपर आयुक्त और कार्यपालन यंत्री, से लेकर अधीक्षण यंत्री के स्तर वाले अधिकारियों व लेखा अधिकारी समेत दूसरे जरूरी पदों को लेकर डिमांड उज्जैन के सरकारी विभागों से होती हुई कलेक्टर कार्यालय और फिर मध्य प्रदेश सरकार तक पहुंच रही है. यदि सब कुछ ठीक रहा तो आगामी सिंहस्थ में 50 प्रतिशत से अधिक अधिकारी आउटसोर्स से लिए जाएंगे. सूत्रों का यह मानना है कि सरकारी कर्मचारियों में जो नियमित सेवा में लोकायुक्त और पुलिस आदि का डर रहता है वह आउटसोर्स में नहीं रह पाएगा इसलिए भ्रष्टाचार बढ़ने की आशंका जताई जा रही है.