नयी दिल्ली 01 अप्रैल (वार्ता) भारतीय रेलवे ने वित्त वर्ष 2023-24 में माल ढुलाई, नयी लाइनें बिछाने, विद्युतीकरण एवं सिगनल आधुनिकीकरण के क्षेत्र में नये कीर्तिमान कायम किये हैं।
रविवार को समाप्त हुए वित्त वर्ष के आंकड़ों को साझा करते हुए सूत्रों ने बताया कि भारतीय रेलवे का वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान माल ढुलाई 1591 टन रही जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में रेलवे ने 1512 टन माल ढुलाई की थी। बीते वित्त वर्ष माल ढुलाई में पांच प्रतिशत अर्थात 79 टन की वृद्धि दर्ज की गई। यह एक वित्तीय वर्ष में अब तक की सबसे अधिक लोडिंग है।
सूत्रों के अनुसार समाप्त वित्त वर्ष में, रेलवे ने कोयले में 787.61 टन, लौह अयस्क में 180.95 टन की लोडिंग की। इसके अलावा 153.80 टन सीमेंट, 114.36 टन शेष अन्य सामान, 85.04 टन कंटेनर यातायात, पिग आयरन और तैयार इस्पात में 69.89 टन, 59.18 टन उर्वरक, खाद्यान्न में 51.45 टन, पीओएल में 50.49 टन, आरएमएसपी में 38.14 टन (लौह अयस्क को छोड़कर) ढुलाई की है।
सूत्रों ने बताया कि रेलवे ने विद्युतीकरण के मामले में भी रिकॉर्ड कायम किया है। भारतीय रेलवे तेजी से मिशन 100 प्रतिशत विद्युतीकरण और सबसे बड़ा हरित रेलवे नेटवर्क बनने की उपलब्धि हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। इस वित्त वर्ष 2023-24 में 7188 रूट किलोमीटर का विद्युतीकरण किया गया है जो रेलवे के इतिहास में अब तक का सबसे अधिक विद्युतीकरण है। वित्त वर्ष 2022-23 में 6565 रूट किलोमीटर का विद्युतीकरण किया गया था। इस प्रकार से वर्ष 2014-15 से, भारतीय रेलवे ने ब्रॉड गेज (बीजी) नेटवर्क पर लगभग 40 हजार रूट किलाेमीटर का विद्युतीकरण पूरा कर लिया है। आज 2023-24 में विद्युतीकरण की दर, 2004-14 के बीच लगभग 1.42 किलोमीटर प्रतिदिन से बढ़कर लगभग 19.6 किलोमीटर प्रतिदिन हो गयी है।
सूत्रों के अनुसार नई लाइन (नई लाइन/दोहरीकरण/गेज परिवर्तन) में बीते वित्त वर्ष 5300 किलोमीटर काम हुआ जबकि 2022-23 के दौरान 5241 किलोमीटर काम हुआ था। इस प्रकार से वित्त वर्ष 2023-24 में काम का औसत प्रतिदिन 14.5 किलोमीटर ट्रैक बिछाने रहा है। यह अब तक का सर्वाधिक ऊंची दर है।
इसी प्रकार से अधिक ट्रेनें चलाने के लिए लाइन क्षमता बढ़ाने के लिए स्वचालित सिग्नलिंग लगायी जा रही है। भारतीय रेलवे के मौजूदा उच्च घनत्व वाले मार्गों पर क्षमता विस्तार के लिए स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग एक महत्वपूर्ण उपाय है। वर्ष 2023-24 के दौरान, रेलवे ने 582 किलोमीटर मार्ग को स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग के साथ अपग्रेड किया है जबकि वर्ष 2022-23 के दौरान 530 किलोमीटर मार्ग में स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग की गयी थी।
डिजिटली इंटरलॉक्ड स्टेशन (इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग) भी लाइनों की क्षमता विस्तार में महत्वपूर्ण हैं। पुराने लीवर फ्रेम से लेकर कंप्यूटर आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम तक डिजिटली इंटरलॉक्ड स्टेशन बनाए गए हैं। ट्रेन संचालन में डिजिटल प्रौद्योगिकियों का लाभ प्राप्त करने और सुरक्षा बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग को अपनाया जा रहा है। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 538 स्टेशनों की तुलना में वित्त वर्ष 2023-24 में 551 स्टेशनों को इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग से युक्त बनाया गया।
सुरक्षा की दृष्टि से रेलवे स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरों की स्थापना की जा रही है। वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 135 रेलवे स्टेशनों को सुसज्जित किया गया जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में 16 रेलवे स्टेशनों को सीसीटीवी कैमरों के सुसज्जित किया गया था। इसके साथ अब तक कुल 1001 रेलवे स्टेशनों पर सीसीटीवी की व्यवस्था सुनिश्चित की जा चुकी है।
वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान, 439 रेलवे स्टेशनों को यात्री घोषणा प्रणाली प्रदान की गई जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में 342 रेलवे स्टेशनों पर ये सुविधा दी गयी थी। पुलों की मरम्मत के मामले में वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 2132 पुलों का पुनरुद्धार किया गया जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में, 1732 पुलों का पुनरुद्धार किया गया।