सालभर से डॉक्टरों के इंतजार में बंद पड़ी क्लीनिक

स्वास्थ्य सुविधाओं की उम्मीद के बीच भवन पड़ा वीरान  
  फैक्ट फाइल
कुल वार्ड 79
चालू क्लीनिक 35
नई क्लीनिक बनी 28
क्लीनिक बिना डॉक्टर 04
विवरण स्वास्थ अधिकारी के अनुसार

जबलपुर: संजीवनी  क्लीनिक शुरू होने के बाद मरीजों को कई सारी सुविधाएं मिलनी तय की गई थी। दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक की तर्ज पर मध्य प्रदेश में संजीवनी क्लीनिक खोल मरीजों को इमरजेंसी उपचार देने का वादा किया गया था। यह  क्लिनिक सुबह 10 से शाम 6 बजे तक खुलने के साथ खांसी, बुखार, फ्लू, एक्सीडेंट होने पर प्राथमिक उपचार की सेवाएं मिलना शामिल थी। लेकिन, शास्त्री नगर के सरदार वल्लभभाई पटेल वार्ड क्रमांक 5 में बनी नई नवेली क्लीनिक पर पिछले दस माह से ताला लटका हुआ है। भोपाल की तरफ से अभी तक डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ न मिल पाने के कारण यह क्लीनिक आधार में लटकी हुई है। बंद पड़ी इस क्लीनिक को लेकर  नवभारत द्वारा पूर्व में भी पर खबरें प्रकाशित की चुकी है।   स्वास्थ्य अधिकारी संजय मिश्रा की माने तो यह क्लीनिक काफी समय से बनकर तैयार है और इस क्लीनिक में डॉक्टर एवं नर्सिंग स्टाफ का इंतजार है। जिनको भोपाल से आना है। डॉक्टरो के आते ही यह क्लीनिक चालू कर दी जाएगी जिसमें छोटी बीमारियां जैसे सर्दी, खांसी चोट लगने साथ ही दजनों बिमारियों की रैपिड किट से जांच और इलाज दिया जाएगा। लेकिन जमीनी हकीकत पर मरीजों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। सभी तरह की स्वास्थ्य सुविधाओं की उम्मीद है मगर पूरा भवन विरान पड़ा हुआ है।
हर वार्ड में होना एक क्लीनिक
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जबलपुर शहर के हर एक वार्ड में मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक का होना जरूरी किया गया था। परंतु हकीकत में अभी सिर्फ 35 क्लिनिक चल रही है एवं 28 नई क्लीनिको को डॉक्टर एवं नर्सिंग स्टाफ और एचआर का इंतजार है। चार क्लिनिक ऐसी भी है जिनमें अभी डॉक्टर की सुविधा उपलब्ध नहीं है। जिसके कारण इलाज के लिए मरीज भटक रहे है और प्रशासन का कोई सरोकार दिखाई नहीं दे रहा है।
सफाई कर्मचारियों की भर्ती यहां से
मुख्यमंत्री संजीवनी क्लिनिक की योजना तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लॉन्च की थी। लेकिन सालों बीत जाने के बाद भी यहां पर अब तक ताले जड़े हुए और विरानी पसरी हुई है। जानकारों की माने तो इस क्लीनिक में सफाई कर्मचारियों और डाटा ऑपरेटरो की भर्ती जबलपुर से ही होना है लेकिन अभी भोपाल से डॉक्टरों की नियुक्ति न होने के कारण यह प्रक्रिया भी खटाई में चली गई है।
इनका कहना है
हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं क्लीनिक को चालू करने के लिए। 28 क्लीनिक और बनकर तैयार हो गई हैं भोपाल से डॉक्टरों की नियुक्ति होते ही इनको आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा।
संजय मिश्रा, सीएमएचओ, जबलपुर

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