नवभारत
बागली। शुक्रवार को सितंबर माह में तीज त्यौहार किस श्रंखला में शामिल हरितालिका तीज पर्व महिलाओं ने उल्लास के साथ मनाया नगर और क्षेत्र में दिनभर बारिश होने के बावजूद भी महिलाओं का उत्साह कम नहीं हुआ गायत्री मंदिर सहित जहां भी शंकर मंदिर और शिवालय थे। वहां पर महिलाएं हरतालिका तीज की पूजा करने पहुंची। पंडित नरेंद्र वैष्णव ने बताया कि हरतालिका तीज पर्व आदिकाल से मनाया जा रहा है माता पार्वती ने भगवान शंकर को वर के रूप में पाने के लिए जंगलों में रेत के शिवलिंग बनाकर तथा फूल पत्ती और अन्य औषधि वनस्पति के सहारे उपवास किया था। और तीज पर्व पर भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए यह पूजा की थी। मान्यता अनुसार 4 से 5 बार भगवान शंकर की पूजा विधि विधान से की जाती है रात्रि जागरण के साथ सुबह के पहर में भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए पूर्ण पूजा की जाती है। इस पूजा में अधिक से अधिक प्रकार की वनस्पति और फूल पत्तियों का उपयोग किया जाता है। माना जाता है कि शिवजी के जितने स्वरूप पृथ्वी पर विराजमान है उतने प्रकार की वनस्पति एवं औषधि पुष्प इस मौसम में खीलते हैं। भाद्र पक्ष की हरतालिका तीज पर्व सामूहिक रूप से भी बनाया जाता है कई घरों में रात्रि जागरण कार्यक्रम रखा गया था मंदिरों में भी रात भर भजन चलते रहे। भोमिया जी स्थित एकांतेंश्वर महादेव की पूजा करने भी महिलाएं पहुंची। तेज बारिश के बावजूद भी यह क्रम चलता रहा।