इस्लामाबाद, (वार्ता) पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने बुधवार को कहा कि भले ही उनका देश अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के एजेंडे में शामिल नहीं है, लेकिन सरकार वित्तीय सहायता प्राप्ति की मंजूरी लेने के अंतिम चरण में है।
पाकिस्तान खुद को वित्तीय संकट से बाहर निकालने के लिए आईएमएफ से सात अरब अमेरिकी डॉलर की सहायता की उम्मीद कर रहा है।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने खबर में कहा कि मंत्री का बयान उस दिन आया है जब आईएमएफ ने 13 सितंबर तक अपने कार्यकारी बोर्ड की बैठक का कैलेंडर जारी किया है, जिसमें उसके एजेंडे में पाकिस्तान का शामिल नहीं है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस्लामाबाद को कार्यक्रम से बाहर रखने का कारण 12 अरब डॉलर के पुराने ऋण और 2 अरब डॉलर के नए ऋण को सुरक्षित करने में देश की असमर्थता है।
खबर के अनुसार, मंत्री ने दावा किया कि आईएमएफ के साथ समझौते को अंतिम रूप देने के लिए कोई विशिष्ट समय सीमा निर्धारित नहीं है और अगले महीने संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के साथ चर्चा के बाद मंजूरी प्राप्त करने के बारे में आशा व्यक्त किया।
पाकिस्तान और आईएमएफ ने 12 जुलाई को कर्मचारी-स्तरीय समझौते पर हस्ताक्षर किया था, लेकिन धन की कमी के कारण इसका पालन नहीं किया जा सका।
श्री औरंगजेब ने कहा कि आईएमएफ के साथ पाकिस्तान का यह अंतिम समझौता होगा और उन्होंने देश की भलाई के लिए संरचनात्मक सुधारों को लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया।