नयी दिल्ली/ सिंगापुर, 04 सितंबर (वार्ता) व्यावसायिक केंद्र, मनोरंजन एवं औद्योगिक पार्क तथा अवासीय परियोजनाओं के विकास का कारोबार करने वाली सिंगापुर की कंपनी कैपिटलैंड इन्वेस्टमेंट ( सीएलआई ) ने बुधवार को कहा कि वह भारत में अपना निवेश 2028 तक दो गुना करेगी।
सीएलआई ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दो दिन की यात्रा के पहले दिन यह घोषणा की है। भारत में सिंगापुर के उच्चायुक्त सिमॉन वाँग ने भी कंपनी की इस घोषणा को डिजिटल मीडिया मंच पर साझा किया है।
विविधीकृत रियल वह 2028 तक भारत में अपने प्रबंधन के तहत सम्पत्तियों को दोगुना करके 14.8 अरब सिंगापुरी डालर (90,280 करोड़ रुपये) से अधिक करने की योजना बना रही है। इस समय भारत में कंपनी का निवेश भातरत निवेश इस समय करीब 7.4 अरब सिंगापुर डालर के बराबर है।
सीएलआई समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ली ची कून ने एक बयान में कहा,“भारत हमारे लिए एक रणनीतिक बाजार है और सीएलआई के समग्र व्यवसाय में भारत बड़ा योगदान रहता है। भारत हमारे सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक रहा है, जहां पिछले सात वर्षों में हमारे निवेश तीन गुना हो गए हैं।”
उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 2024-25 में सात प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है और यह अगले पांच वर्षों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है। देश वैश्विक निगमों और संस्थागत निवेशकों से गुणवत्ता वाली अचल संपत्तियों की मांग को आकर्षित कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि विश्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर के बारे में अपने अनुमान को बढ़ा कर 7.0 प्रतिशत कर दिया है। पहले उसने इस वर्ष भारत की आर्थिक वृद्धि 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।
श्री ली ची कून ने कहा है , “ भारत में हमारी गहन विशेषज्ञता और मजबूत अनुकूल परिस्थितियों को देखते हुए, हमें विश्वास है कि 2028 तक भारत में हमारा मौजूदा निवेश (प्रबंधनाधीन कोष) 7.4 अरब सिंगापुरी डालर से दोगुना से भी अधिक हो जाएगा। यह बेहतर पूंजी बंदोबस्त के लिए भौगोलिक विविधीकरण पर हमारी प्राथमिकता के अनुरूप भी है।”
उन्होंने कहा कि कैपिटललैंड भारत में न केवल परिसम्पत्तियों में निवेश करनती है बल्कि दीर्घकालिक निवेशक के रूप में, बल्कि दीर्घकालिक निवेश के रूप में देश के आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।