नम आंखों से दी गई अंतिम विदाई
जबलपुर: भारतीय सेना के लिए गोला-बारूद बनाने के दौरान आयुध निर्माणी खमरिया (ओएफके) में 29 सितम्बर को हुए अग्नि हादसे मेें झुलसे नंदकिशोर सोनी की शुक्रवार को सांसे थम गई। शनिवार दोपहर उस समय आयुध निर्माणी खमरिया की एक-एक कर्मचारी की आंखें नम हो गई जब नंदकिशोर का पार्थिव देह पहुंची। पार्थिव शरीर निर्माणी के द्वार क्रमांक एक पर दर्शनार्थ एवं श्रद्धांजलि के लिए पहुंचा, निर्माणी के उत्पादन कार्य के दौरान कर्मचारी नंदकिशोर सोनी के पार्थिव शरीर को देखकर अधिकारियों से लेकर हर एक कर्मचारियों के मन में श्रद्धा और श्रद्धांजलि के भाव थे।
नंदकिशोर सोनी के अंतिम दर्शन के लिए आयुध निर्माणी खमरिया ही नहीं बल्कि रांझी और घाना के लोग भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे, निर्माण के मुख्य द्वार से उनके निवास स्थान तक अधिकारियों श्रमिक नेताओं एवं कर्मचारियों समेत बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों ने भी फूल बरसाकर श्रद्धांजलि दी। श्री सोनी का अंतिम संस्कार रांझी स्थित बड़े पत्थर मुक्तिधाम में किया गया। वहीं परिजनों का रो-रोककर बुरा है। इस अवसर पर निर्माणी के महाप्रबंधक अशोक कुमार, अपर महाप्रबंधक विकास पुरवार, एस.एस.सलाठिया ,संयुक्त महाप्रबंधक दिनेश कुमार सहित यूनियन एसोसिएशन के पदाधिकारी एवं निर्माणी के कर्मचारी उपस्थित थे।
विधायक रोहाणी भी पहुंचे
कैंट क्षेत्र के विधायक अशोक रोहाणी ने भी पहुंचकर श्रद्धांजलि दी एवं पूरी परिवार से मुलाकात कर सहयोग का आश्वासन दिया। साथ ही विधायक निधि से एक लाख यपए की राशि देने का वादा भी किया। इसके साथ ही दीपशिखा महिला कल्याण समिति की पदाधिकारियों ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की।
क्या है मामला
विदित हो कि 29 सितम्बर की दोपहर ओएफके एफ 6 सेक्शन में बिल्डिंग क्रमांक 637 में एयर फोर्स के एरियल बम 450 केजी की फिलिंग के दौरान बारूद पिघलाया जा रहा था। पिघले हुए बारूद को डालते समय अचानक आग लग गई थी जिसमें नंद किशोर समेत 6 कर्मचारी झुलस गए थे। दुर्घटना के उपरांत निर्माणी प्रबंधन के द्वारा श्री सोनी को चिकित्सकों की सलाह पर देश के सर्वोत्तम अस्पताल में इलाज के लिए रेफर किया गया था जहां उनकी हालत में सुधार आ रहा था, परंतु तीन दिन पहले अचानक उनका स्वास्थ्य बिगडऩे से उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया जहां शुक्रवार सुबह लगभग 9:15 बजे इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी।