जान जोखिम में डालकर स्कूल जा रहे नौनिहाल

पुलिया पर पानी आने से बंद हुआ रास्ता, जिम्मेदारों को बड़ी घटना का इंतजार

 

नलखेड़ा, 31 अगस्त. तहसील के ग्राम गोयल गांव में स्कूली बच्चे पानी में होकर स्कूल जाने को मजबूर हो रहे हैं. गोयल गांव के स्कूल के लगभग 60 से अधिक बच्चे पढ़ाई के लिए जाते हैं. बच्चों को कम से कम 3 से 4 फीट पानी में से होकर स्कूल आना पड़ रहा है. डेम का पानी रास्ते की पुलिया पर घुटनों तक भर गया है. छोटे-छोटे बच्चों को पानी से होकर स्कूल में जाना और छुट्टी होने पर वापस घर आना पड़ता है.

बच्चों को जहरीले जानवरों का भी भय बना रहता है. कई मासूम बच्चे तो मिट्टी में फिसलकर पानी में गिर जाते हैं और यूनिफॉर्म के खराब हो जाने पर रोने लगते हैं. कुछ बच्चों के माता-पिता अपनी गोद व कंधे पर बैठाकर रास्ते को पार करवाते हैं. यहां तक कि डेम का अधिक बारिश होने पर कई-कई दिनों तक स्कूल जाना भी बंद करने की नौबत आ जाती है. हालात यह है कि कई बच्चे रोड का अंदाज न होने के कारण फिसलकर गिर रहे हैं. कुछ तो गिरने के बाद उठ ही नहीं रहे थे और रोने लग जाते हैं. डेम जलभराव की यह समस्या ग्रामवासियों व बड़ों बुजुर्ग, बच्चों सभी को समस्या से व्याप्त है.

मकानों में भी घुसा डेम का पानी

कुंडालिया डेम जल भराव की समस्या विकराल रूप लिए हुए है. यहां भी तीन से चार फीट पानी वर्तमान में भरा हुआ है. बच्चों को स्कूल में जाने के लिए कोई और व्यवस्था नहीं है. ग्रामीणों ने बताया कि पुलिया सडक़ से पानी कई फीट ऊपर है. डेम का पानी आवासी मकान में भी भर गया है. ज्यादा पानी आने पर ऐसी स्थित में स्कूल जाना भी बंद करना पड़ता है. साथ ही जहरीले जानवरों का भी पानी के कारण डर बना रहता हैं. समस्या का निराकरण होना बहुत जरुरी है. जिससे कोई हादसा नहीं हो. इस समस्या से कई बार कलेक्टर को व अन्य अधिकारियों को अवगत कराया गया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

 

आने – जाने का रास्ता पूरी तरह बंद

 

ग्रामवासियों द्वारा सामूहिक रूप से एवं पृथक-पृथक भी अवासीय मकान जो कि कुण्डालिया बांध में डूब क्षेत्र है, उनकी मुआवजा हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत कर चुके है. किन्तु अभी तक प्रभावित मकान वालों को मुअवाजा राशि अवांटित नहीं की गई है. और इन लोगों को मात्र आवश्वसन के सिवाय कुछ भी नहीं दिया गया. उक्त डूब में गए आवासीय मकानों का आने जाने का रास्ता भी पूर्णत: अवरुद्ध हो गया है. आवासीय लोगों के सामने बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है. पानी भराव से जंगली जानवरों का खतरा भी बढ़ गया है. जिससे ग्राम में कोई भी घटना घटित होने की संभावना बनी रहती है. यह कि वर्तमान में कुण्डालिया बांध के सभी आवश्यक अधूरे कार्य पूर्ण हो गए हैं. साथ ही सभी पुलिया का भी पूर्ण निर्माण हो चुका है तथा सामने बारिश का पानी और बढ़ भी रहा है. ऐसे में अधिक बारिश होने तथा डेम में पानी भरने पर हमारे मकानों में पानी भरा गया.

 

दो साल से मुआवजे के लिए भटक रहे ग्रामीण

 

तहसील के गांव गोयल के ग्रामीणो के द्वारा आगर कलेक्टर कार्यालय में मंगलवार को जनसुनवाई में भी एक ज्ञापन कलेक्टर को दिया गया. व एक ज्ञापन सुसनेर एसडीएम मिलिंद ढोके को सौंपकर कुंडालिया बांध में डूब में आए आवासीय मकानों का मुआवजा दिलाए जाने की मांग की थी. दिए गए ज्ञापन में बताया गया कि प्रार्थीगण के अवासीय मकान जो कि कुण्डालिया बांध में डूब प्रभावित हैं, जिसका पूर्ण सर्वे कार्य दल द्वारा जांच प्रतिवेदन भी तैयार कर कलेक्टर जिला आगर मालवा को प्रेषित किया गया था. ग्राम गोयल के निवासी आवासीय मकान है, जिसमें हम हमारे परिवार सहित निवास करते हैं. जो कि कुण्डालिया बांध डूब क्षेत्र से प्रभावित हैं, जिसमें हमारे गांव में मुअवाजा भी वितरण किया गया है. किन्तु कुछ लोगों के अवासीय मकानों का मुअवाजा सर्वे के दौरान त्रुटि से छूट जाने के कारण मकानों की मुअवाजा राशि नहीं मिली है.

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