वर्ष में एक बार दोपहर में होने वाली भस्मार्ती से भक्त हुए अभिभूत
उज्जैन। उज्जयिनी में स्थित विश्व प्रसिद्ध बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक दक्षिण मुखी महाकालेश्वर मंदिर में विराजमान भगवान महादेव ने महाशिवरात्रि पर्व के दूसरे दिन 9 मार्च को प्रात: पुष्प मुकुट (सेहरा) धारण कर भक्तों को अपने दिव्यरूप में दर्शन दिये।
उसके उपरांत वर्ष में एक ही बार महाशिवरात्रि के दूसरे दिन भगवान श्री महाकालेश्वर की दोपहर में भस्मार्ती सम्पन्न हुईं। महाशिवरात्रि पर्व पर लगातार भगवान शिव के दर्शन 44 घण्टे दर्शनार्थियों ने किये। भगवान श्री महाकालेश्वर जी के सवामन पुष्प मुकुट के दर्शन प्रात: से शुरू हुआ तत्पश्चात पूर्वान्ह 11 बजे के लगभग मुकुट उतारा गया। इसके बाद भगवान महाकाल की वर्ष में एक बार दोपहर में होने वाली भस्मार्ती प्रारंभ हुई। भस्मार्ती में भक्तों ने ध्यान मग्न होकर भगवान भोलेनाथ की आरती का दर्शन लाभ लिया।
महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान श्री महाकालेश्वर रात्रि विश्राम नहीं करते है और सतत 44 घण्टे अपने भक्तों को दर्शन देते हैं। महाशिवरात्रि पर्व के पूर्व 29 फरवरी शिव नवरात्रि से भगवान श्री महाकाल के अलग-अलग रूपों में हजारों भक्तों ने दर्शन लाभ लेकर पुण्य प्राप्त किया। भगवान महाकालेश् वर नित नूतन और अभिनव रूपों में भक्तों को दर्शन देते हैं। कभी प्राकृतिक रूप में, तो कभी राजसी रूप में आभूषण धारण कर तो कभी भांग, चंदन, सूखे मेवे से तो कभी फल, पुष्प से सजते हैं। संभवत: विश्व में अकेले श्री महाकालेश्वर भगवान ही है जो इतने रूपों में दर्शन होते हैं। 9 मार्च को दोपहर की भस्मार्ती का कई दर्शनार्थियों ने लाभ लिया।
महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं जिला कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने की गई व्यवस्थाओं में सहयोग प्रदान करने पर सबका आभार एवं धन्यवाद प्रकट किया।
भस्मारती के बाद दोपहर में भोग आरती
महाकाल की दोपहर में भस्मारती संपन्न होने के बाद भोग आरती की गई। भगवान को भोग लगने के बाद मंदिर के नि:शुल्क अन्नक्षेत्र में पंडे-पुजारियों को समिति की ओर से भोजन कराया व दक्षिणा भेंट में दी गई।
दर्शन पाकर धन्य हुए भक्त
वर्ष में एक बार दोपहर में होने वाली भस्मार्ती में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लेकर अपने आप को धन्य महसूस किया। भगवान भोलेनाथ ने अपने भक्तों को दिव्य रूप में दर्शन दिये। महाशिवरात्रि पर्व पर लगातार भगवान शिव के दर्शन 8 मार्च की प्रात: 2.30 बजे से अगले दिन 9 मार्च को शयन आरती तक भक्तों को दर्शन देंगे। उसके पश्चात रात्रि 11 बजे पट मंगल होते हैं। इस दौरान सहरा भी सजाया गया जिसे देखकर श्रद्धालुओं ने अपने आपको धन्य महसूस किया।