नयी दिल्ली 30 अगस्त (वार्ता) ड्रोन निर्माता आईओटेकवर्ल्ड एविगेशन को नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से रिमोट पायलट प्रशिक्षण संगठन (आरपीटीओ) की स्थापना की मंजूरी मिल गई है।
कंपनी ने आज यह घोषणा करते हुये कहा कि यह महत्वपूर्ण उपलब्धि भारत में ड्रोन तकनीक और प्रशिक्षण को आगे बढ़ाने के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिससे कंपनी को तेजी से विकसित हो रहे (यूवीए) उद्योग में अग्रणी स्थान प्राप्त हुआ है।
आरपीटीओ की मंजूरी से आईओटेकवर्ल्ड को छोटे और मध्यम वर्ग के ड्रोन के लिए व्यापक प्रशिक्षण प्रदान करने का अधिकार प्राप्त हुआ है, जो कंपनी की क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है। प्रशिक्षण कार्यक्रम डीजीसीए द्वारा प्रमाणित प्रशिक्षकों द्वारा संचालित किए जाएंगे, जो सुरक्षा और दक्षता के उच्चतम मानकों का पालन सुनिश्चित करेंगे। कंपनी के आरपीटीओ को विशिष्ट बनाता है इसका नवाचारी प्रशिक्षण दृष्टिकोण, जो ज्ञान को व्यावहारिक, अनुप्रयोग-आधारित ड्रोन उड़ान अनुभव के साथ जोड़ता है।
यह आरपीटीओ की सुविधा गुरुग्राम में स्थित है जो सैद्धांतिक शिक्षा और व्यावहारिक उड़ान अभ्यास तथा वास्तविक समय में अनुप्रयोग-आधारित प्रशिक्षण के लिए एक आदर्श वातावरण प्रदान करता है।
कंपनी के सह-संस्थापक और निदेशक दीपक भारद्वाज ने कहा, “ हमारे आरपीटीओ के लिए डीजीसीए की यह मंजूरी उनकी कंपनी और भारतीय ड्रोन उद्योग के लिए एक गेम-चेंजर है। यह हमें महत्वाकांक्षी ड्रोन पायलटों को व्यापक, उच्च गुणवत्ता वाला प्रशिक्षण प्रदान करने में सक्षम बनाता है, जिससे हमारी स्थिति को उद्योग में अग्रणी के रूप में और मजबूत किया गया है। हमारा लक्ष्य कुशल ड्रोन पायलट की एक नई पीढ़ी का निर्माण करना है, जो विभिन्न क्षेत्रों में इस तकनीक की पूरी क्षमता का उपयोग कर सकते हैं, विशेष रूप से कृषि में, जहां हमारा ध्यान केंद्रित है।”
नव स्थापित आरपीटीओ में प्रति वर्ष लगभग 800 व्यक्तियों की प्रभावशाली प्रशिक्षण क्षमता है। कंपनी विभिन्न आवश्यकताओं और ड्रोन वर्गीकरणों को पूरा करने के लिए विविध प्रशिक्षण कार्यक्रमों की पेशकश करेगी। इनमें छोटे और मध्यम ड्रोन के लिए रिमोट पायलट प्रमाणपत्र (आरपीसी) पाठ्यक्रम, साथ ही आरपीसी के साथ ही ओईएम पाठ्यक्रम शामिल हैं, जो विशिष्ट ड्रोन मॉडलों और उनके अनुप्रयोगों के बारे में गहन ज्ञान प्रदान करते हैं।