नयी दिल्ली (वार्ता) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार काे कहा कि केन्द्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए लायी गई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) कोई यू टर्न नहीं है बल्कि यह पूरी तरह से नई योजना है।
श्रीमती सीतारमण ने यहां संवाददाताओं से अनौपचारिक चर्चा में कहा कि इसमें कर्मचारियों की हिस्सेदारी में कोई बढ़ोतरी या कमी नहीं की गयी है बल्कि केन्द्र सरकार की हिस्सेदारी पहले की 14 प्रतिशत हिस्सेदारी बढ़कर अब 18.5 प्रतिशत हो जायेगी। यूपीएस अगले वित्त वर्ष की शुरूआत से लागू होगी। उन्होंने कहा कि इसमें कर्मचारियों को 25 वर्ष की नौकरी पर 50 प्रतिशत पेंशन मिलेगी। हालांकि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के मामले में कुछ राहत हो सकती है क्योंकि उनके लिए आरक्षण में सरकारी नौकरी में आने की अधिकतम आयु 37 वर्ष है। ऐसी स्थिति में उनकी नौकरी 25 वर्ष पूरी नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से नयी स्कीम है। इसमें पुरानी पेंशन से कोई लेना नहीं है और एनपीएस से भी कोई लेना नहीं है। हालांकि जो लोग अभी एनपीएस में हैं उनको अपने लाभ के अनुसार स्कीम चुनने की सुविधा दी गयी है।
वित्त मंत्री ने कहा कि जिस तरह से लोगों नयी कर प्रणाली और रियल एस्टेट के मामले में इंडेक्सेशन से लाभ होगा उसी तरह से इस नयी स्कीम में भी कर्मचारियों को लाभ होगा। लोगों ने पुरानी कर प्रणाली में स्थान पर नयी कर प्रणाली को अपनाने लगे हैं।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार इसको लागू करने के लिए राज्यों पर कोई दबाव नहीं डाल सकती है और न:न ही दबाव डाला जायेगा। अलबत्ता जो राज्य इसके बारे में जानकारी लेना चाहेंगे तो उसे जानकारी दी जायेगी लेकिन किसी पर कोई दबाव नहीं डाला जायेगा।