झाबुआ: श्रावण मास में कभी रिमझिम तो कभी झमाझम बारिश के बाद अब लोगांे को भादो मास में जोरदार बारिश के आसार दिखाई दे रहे है। अब तक हुई बारिश ने मौसम में जरूर ठंडक घोल दी है, लेकिन खरीफ फसलों के लिए और जलस्त्रोंतों को पर्याप्त भरने के लिए अभी ओैर पानी की आवश्यकता है। जारी वर्षा में क्रम में अब तक 497.6 मिमी अर्थात 20 इंच वर्षा दर्ज हो चुकी है। श्रावण के बाद अब भादो मास शुरू हो चुका है। प्रतिवर्ष भादो मास में बारिश अच्छी होती है। वर्तमान में खरीफ फसलों में मक्का की फसल बड़ी हो चुकी है, लेकिन कपास और सोयाबीन की फसल को अभी ओैर पानी की आवश्यकता है।
पिछले तीन-चार दिनों से मौसम खुुला होने एवं धूप निकलने से गर्मी और उमस जरूर महसूस की जा रहीं थी, लेकिन 23 अगस्त को अलसुबह से ही आसमान में घने-कोहरे बादल छाए रहे, एक दिन पूर्व रात्रि में आसमान में बिजली की चमक और बादलों की तेज गर्जना भी सुनी गई। शुक्रवार सुबह के दौर में बारिश का क्रम चलने के साथ शाम को भी कुछ समय के लिए जोरदार बारिश हुई। शहर में दिनभर ठंडा मौसम रहा। इसी तरह का मौसम एवं बारिश झाबुआ सहित आसपास के क्षेत्रों मंे भी होने की जानकारी मिली है।
जल स्त्रोतों को है, पानी की औेर आवश्यकता
जिले में जलस्त्रोतों में तालाब, नदी अभी भी काफी खाली है, जिन्हें लबालब होने के लिए अभी बारिश की और दरकार है। मक्का की फसल बड़ी होने से जरूर बाजार में ककड़ी, भुट्टे आना शुरू हो गए है, लेकिन सोयाबीन और कपास की फसल को पानी की आवश्यकता अधिक महसूस होती है। भादो मास ही फसलों और जलस्त्रोंतो के लिए पर्याप्त पानी की पूर्ति करता है। मौसम विभाग द्वारा प्रदेश के अलग-अगल जिलों में पिछले कुछ दिनों में तेज बारिश की चेतावनी दी है। जिसमें झाबुआ जिले को रेड जोन में लेते हुए पिछले कुछ घंटों में 5-15 मिमी प्रति घंटा के अनुसार बारिश की चेतावनी और बिजली गिरने की संभावना जताई है। साथ ही सावधान रहने हेतु कहा गया है।
कुछ दिनों तक मौसम रहेगा ठंडा
मौसम विभाग के तकनीकी अधिकारी राजेशकुमार त्रिपाठी ने बताया कि आगामी कुछ दिनों तक मौसम ठंडा ही रहेगा। इस बीच जोरदार बारिश के भी जिले में आसार है। अभी तक 497.6 मिमी वर्षा रेकार्ड की गई है। वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. आईएस तोमर ने बताया की फिलहाल खरीफ फसलों की स्थिति ठीक है। आगामी दिनों में तेज बारिश होती है, तो किसानों को सलाह है कि वह खेतों में मेढ़ बंधान अर्थात पानी निकासी की व्यवस्था करे। समय-समय पर फसलों को किटो के प्रकोप से बचाव के लिए दवाई छिड़काव करते रहे। वर्तमान मौसम फसलों के लिए अनुकूल है।