लगता है कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ इंडिया को प्रतिबंधित करने का समय आ गया है. इसमें कोई शक नहीं कि इसकी गतिविधियां देश के हित में नहीं हैं. पिछले कुछ महीनों में हुई अनेक सांप्रदायिक घटनाओं के पीछे पीएफआई का हाथ पाया गया है. इस समय केवल झारखंड में इस संगठन पर प्रतिबंध है. इस प्रतिबंध को पूरे देश भर में लागू करने की आवश्यकता है. भारत जैसे विविध सांस्कृतिक और सामाजिक समूहों वाले देश में इस तरह के कट्टरपंथी संगठन का कोई स्थान नहीं होना चाहिए. ऐसा प्रतीत होता है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय इस संगठन को प्रतिबंधित करने की तैयारी कर रहा है. इस संबंध में आवश्यक सबूत जुटाए जा रहे हैं. ताकि यह प्रतिबंध न्यायालय में कानूनी रूप से सरवाइव कर सके. इसी संदर्भ में बुधवार और गुरुवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी और प्रवर्तन निदेशालय ने तमिलनाडु, केरल समेत 13 राज्यों में पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी की है. छापेमारी के दौरान 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जिन राज्यों में एनआईए ने छापेमारी की है उनमें केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, असम, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र शामिल हैं.पीएफआई और उससे जुड़े लोगों की ट्रेनिंग गतिविधियों, टेरर फंडिंग और लोगों को संगठन से जोडऩे के खिलाफ ये अबतक की सबसे बड़ी कार्रवाई है. एनआईए और ईडी ने मलप्पुरम जिले के मंजेरी में पीएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमार सलाम के अलावा पीएफआई के दिल्ली हेड परवेज अहमद के घर पर छापेमारी की और गिरफ्तार कर लिया है. इस दौरान पीएफआई कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया.इसके अलावा कर्नाटक के मंगलुरु में भी एनआईए की छापेमारी के खिलाफ पीएफआई और एसडीपीएफ के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं. हालांकि इन्हें हिरासत में ले लिया गया है.पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पीएफआईपर एनआईए के छापे को लेकर एनएसए, गृह सचिव, डीजी एनआईए सहित अधिकारियों के साथ बैठक की थी.एनआईए, ईडी और राज्य पुलिस की संयुक्त टीमों ने 11 राज्यों में अब तक कुल 106 पीएफआई सदस्यों को गिरफ्तार किया है. बहरहाल,हमारे प्रदेश के लिए यह चिंताजनक है कि इंदौर और उज्जैन में एनआइए ने पीएफआइ के ठिकानों पर मारा छापा है. पीएफआइ के मध्य प्रदेश लीडर को गिरफ्तार किया गया.चार नेता इंदौर और उज्जैन से गिरफ्तार किए गए. दरअसल सिमी के आतंकवादियों के पकड़े जाने के बाद यह मालवा निमाड़ में सबसे बड़ी कार्रवाई है. प्रतिबंधित संगठन सिमी ने उज्जैन जिले के नागदा को अपना गढ़ बनाया था. पीएफआई की गतिविधियों से स्पष्ट है कि उसकी कोशिश भारत में आतंकवादियों के लिए स्लीपर सेल बनाने की है. जांच एजेंसियां यह भी पता कर रही है कि क्या पीएफआई का कनेक्शन पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई या दुनिया के कुख्यात संगठन आईएसआईएस है क्या ? राम नवमी और हनुमान जयंती के समय उज्जैन और खरगोन में हुई घटनाओं के पीछे पीएफआई का हाथ सामने आया था . खास तौर पर कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु बिहार में इस संगठन की गतिविधियां अधिक पाई गई हैं. नूपुर शर्मा वाले विवाद के समय भी ‘ सर तन से जुदा ‘ के नारों के पीछे इसी संगठन का हाथ बताया जाता है. एनआईए और ईडी की कार्रवाई यह पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है. इस तरह की कार्रवाई जारी रहनी चाहिए.