भारत-अमेरिका मिलकर वैश्विक शांति और समृद्धि सुनिश्चित कर सकते हैं: सिंह

नयी दिल्ली 23 अगस्त (वार्ता) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भारत और अमेरिका संयुक्त रूप से दुर्जेय शक्ति हैं और ये दोनों मिलकर वैश्विक शांति और समृद्धि सुनिश्चित कर सकते हैं।

अमेरिका की यात्रा पर गये श्री सिंह ने भारतीय समुदाय के लोगों के साथ बातचीत के दौरान कहा कि मोदी सरकार मजबूत, सुरक्षित और समृद्ध भारत बनाना चाहती है।

रक्षा मंत्री ने भारत और अमेरिका को स्वाभाविक सहयोगी बताते हुए कहा कि इनके बीच मजबूत भागीदारी नियति है और इस दिशा में सहयोग लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय में वैश्विक मंच पर भारत का कद बढ़ा है। उन्होंने कहा, “इससे पहले अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की बातों पर ध्यान नहीं दिया जाता था। लेकिन आज पूरी दुनिया ध्यान से सुन रही है।”

श्री सिंह ने कहा कि 2014 से पहले, भारत ‘कमजोर पांच’ देशों में से एक था, जैसा कि निवेश फर्म मॉर्गन स्टेनली ने कहा है लेकिन आज यह दुनिया की ‘शानदार पांच’ अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। उन्होंने कंपनी की हालिया रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि भारत 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि कोविड-19 महामारी के प्रति सरकार की नीतियों ने यह सुनिश्चित किया कि भारतीय अर्थव्यवस्था अन्य देशों की तुलना में ज्यादा प्रभावित नहीं हुई।

रक्षा मंत्री ने रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की चर्चा की, जिसमें 5,000 से अधिक वस्तुओं वाली सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियों की अधिसूचना शामिल है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं कि घरेलू कंपनियों द्वारा देश में अत्याधुनिक रक्षा वस्तुओं का निर्माण किया जाए।

श्री सिंह ने कहा कि रक्षा निर्यात, जो वर्तमान सरकार के सत्ता में आने से पहले 600 करोड़ रुपये था, अब काफी बढ़कर 21,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। उन्होंने कहा कि नवाचार को बढ़ावा देने के लिए किए गए उपायों के कारण, देश में स्टार्टअप की संख्या 2014 में लगभग 400 से बढ़कर 1 लाख 20 हजार हो गई। उन्होंने इन उपलब्धियों का श्रेय सरकार की नीतियों और योजना के साथ-साथ इच्छाशक्ति को दिया। प्रधानमंत्री के विजन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, “ हम भारत को मजबूत, सुरक्षित और समृद्ध राष्ट्र के रूप में विकसित करना चाहते हैं।”

रक्षा मंत्री ने अमेरिका में भारतीय समुदाय से ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ (विश्व एक परिवार है) की भावना के अनुरूप ईमानदारी और समर्पण के साथ काम करने का आग्रह करते हुए संबोधन का समापन किया।

श्री सिंह की यात्रा के दौरान दोनों पक्षों के वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों ने आपूर्ति की सुरक्षा व्यवस्था (एसओएसए) और संपर्क अधिकारियों के ‘असाइनमेंट’ के संबंध में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

श्री सिंह अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। वह राष्ट्रपति के राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के सलाहकार जेक सुलिवन से भी मुलाकात करेंगे। इसके अलावा, वह भविष्य में रक्षा सहयोग पर अमेरिकी रक्षा उद्योग के साथ उच्च-स्तरीय राउंड टेबल बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस यात्रा से भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक भागीदारी और अधिक गहरी तथा व्यापक होने की आशा है।

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