मुंबई 21 अगस्त (वार्ता) तेल आयातकों, कॉर्पोरेट और बैंकरों की डॉलर मांग बढ़ने के साथ ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की इक्विटी में भारी बिकवाली के दबाव में आज अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में रुपया 16 पैसे लुढ़ककर करीब दो महीने की एक कारोबारी दिवस की सबसे बड़ी गिरावट के साथ 83.93 रुपये प्रति डॉलर रह गया।
वहीं, इसके पिछले कारोबारी दिवस रुपया 83.77 रुपये प्रति डॉलर पर रहा था।
शुरूआती कारोबार में रुपया पांच पैसे की गिरावट लेकर 83.82 रुपये प्रति डॉलर पर खुला और यही इसका दिवस का उच्चतम स्तर भी रहा। वहीं, सत्र के दौरान लिवाली होने से यह 83.94 रुपये प्रति डॉलर के निचले स्तर तक गिर गया। अंत में पिछले दिवस के 83.77 रुपये प्रति डॉलर की तुलना में 16 पैसे लुढ़ककर इस वर्ष 26 जून के बाद की एक कारोबारी दिवस की सबसे बड़ी गिरावट के साथ 83.93 रुपये प्रति डॉलर रह गया।
एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष (कमोडिटी एवं मुद्रा-शोध विश्लेषक) जतिन त्रिवेदी ने कहा, “रुपये में यह गिरावट तब आई जब डॉलर सूचकांक में मामूली सकारात्मकता दिखी और यह अन्य प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले 101.40 के आसपास कारोबार कर रहा था। इसके अलावा कच्चे तेल की कीमतों को 73 डॉलर प्रति बैरल पर मामूली समर्थन मिला, जिससे रुपये पर दबाव बढ़ा। बाजार सहभागियों को फेडरल रिजर्व की बैठक के आज देर रात जारी होने वाले विवरण पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है। ये विवरण सितम्बर की नीतिगत बैठक में ब्याज दर में कटौती की निश्चितता के बारे में और अधिक जानकारी प्रदान कर सकते हैं, जो निकट भविष्य में विदेशी मुद्रा बाजार की गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण होगा।”