नयी दिल्ली (वार्ता) राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने आज प्रवर्तन कार्रवाइयों और व्यापार करने में आसानी के बीच एक अच्छा संतुलन बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया।
श्री मल्होत्रा ने राज्य और केंद्रीय जीएसटी संरचनाओं के प्रवर्तन प्रमुखों के राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे संस्करण के शुभारंभ के अवसर पर केंद्रीय और राज्य जीएसटी संरचनाओं को इस विशेष अभियान के दौरान फर्जी पंजीकरणों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया और फर्जी आईटीसी के मास्टरमाइंड और लाभार्थियों को ट्रैक करने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि आवश्यक निवारक प्रभाव के लिए सख्त कार्रवाई की जा सके।
श्री मल्होत्रा ने कहा कि जीएसटी रिटर्न जैसे जीएसटीआर-1ए में हाल ही में लागू किए गए बदलाव जीएसटी चोरी से व्यवस्थित तरीके से निपटने के प्रयासों में और मदद करेंगे।
राष्ट्रीय सम्मेलन फर्जी पंजीकरणों की पहचान करने और उन्हें समाप्त करने के लिए केंद्र और राज्य दोनों संरचनाओं द्वारा चलाए जा रहे विशेष अभियान की पृष्ठभूमि में आयोजित किया गया है।
सम्मेलन में राजस्व विभाग, सीबीआईसी, वाणिज्यिक कर आयुक्त (सीसीटी) और राज्यों के जीएसटी प्रवर्तन प्रमुखों तथा जीएसटीएन के सीईओ और अधिकारियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई), वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू-आईएनडी) और केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो (सीईआईबी) जैसे अन्य प्रवर्तन और खुफिया प्राधिकरणों ने भी विचार-विमर्श में भाग लिया।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने सम्मेलन के पहले संस्करण में हुई चर्चा को याद किया और प्रवर्तन एजेंसियों को कर चोरी करने वालों से आगे रहने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि जीएसटी प्रणाली की पवित्रता बनी रहे। उन्होंने प्रवर्तन इकाइयों को व्याख्यात्मक मुद्दों और सामान्य उद्योग अभ्यास के बजाय वास्तविक कर चोरी पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी।