सियासत
शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा और ग्रामीण जिला अध्यक्ष सदाशिव यादव को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दिल्ली में अपने मजबूत संपर्कों के चलते बचा लिया. प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह इन दोनों को कांग्रेस से निष्कासित करने पर अड़े हुए थे. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का इन दोनों के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर था, लेकिन वो भंवर जितेंद्र सिंह को भी नाराज नहीं करना चाहते थे. सूत्रों के अनुसार दिल्ली में दिग्विजय सिंह ने इस मामले को अपने हाथ में लिया और उन्होंने अपने संपर्कों के आधार पर चड्ढा और यादव को बचा लिया. हालांकि इससे इंदौर में कांग्रेस का एक बड़ा वर्ग नाराज है क्योंकि इस वर्ग का मानना है कि यह दोनों पदाधिकारी निष्कि्रय हैं. इनके कार्यकाल में कांग्रेस को नुकसान हुआ है.
इंदौर के कई नेता विधानसभा चुनाव में प्रचार करेंगे
इंदौर के अनेक वरिष्ठ भाजपा नेता हरियाणा,झारखंड और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में भाग लेंगे. इनमें सुमित्रा ताई, कृष्ण मुरारी मोघे, गौरव रणदिवे जैसे नेता महाराष्ट्र में जाएंगे, तो जीतू जिराती, सुदर्शन गुप्ता, बाबू सिंह रघुवंशी जैसे नेताओं को हरियाणा की जवाबदारी दी जाएगी. इंदौर संभाग के कुछ आदिवासी नेताओं को झारखंड के चुनाव में लगाया जाएगा. कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को हरियाणा की बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती क्योंकि उन्होंने वहां चुनाव संभाला है. रमेश मेंदोला,गोलू शुक्ला, महेंद्र हार्डिया और मधु वर्मा जैसे नेता भी विधानसभा चुनाव में सक्रिय हिस्सेदारी करेंगे.