सतना 18 अगस्त /सतना जिले के रैगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत इटमा ग्राम पंचायत के छोटा इटमा में उल्टी-दस्त की बीमारी पूर्णतः नियंत्रित है। इटमा गांव में डाक्टर सहित मेडीकल टीम 24 घंटे तैनात कर दी गई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एलके तिवारी ने बताया है कि शनिवार को छोटा इटमा में उल्टी-दस्त के 9 मरीजों की सूचना मिली थी। जिनमें तीन मरीजों को जिला अस्पताल सतना में भर्ती कर इलाज कराया जा रहा है। शेष लोगों को घर पर ही मेडीकल टीम द्वारा इलाज दिया गया है। ग्राम में मेडीकल आफीसर सहित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की टीम द्वारा लगातार सर्वे कर जांच एवं उपचार कार्य किया जा रहा है।
खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. अलका माहुले द्वारा शनिवार और रविवार को मेडीकल टीम के साथ जाकर प्रभावित गांवों में जांच उपचार किया जा रहा है। इटमा ग्राम में अब उल्टी-दस्त की बीमारी पूरी तरह नियंत्रित है। रविवार को घर-घर सर्वे के दौरान 10 नए रोगी मिले हैं। जिनमें से 6 मरीजों को बेहतर उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। सर्वे के दौरान शनिवार को 12 और रविवार को 10 मरीज उल्टी-दस्त की शिकायत के मिले हैं। जिनमें शनिवार को 3 और रविवार को 6 मरीज जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया जिनका उपचार जारी है। तीन मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके है। शेष मरीजों का गांव में ही घर पर कैंप इलाज किया जा रहा है। सभी की हालत बेहतर है।
रैगांव सेक्टर के ग्राम पंचायत इटमा के ग्राम छोटा इटमा में उल्टी-दस्त से प्रभावित ग्राम में सेक्टर मेडीकल आफीसर डॉ. आशीष त्रिपाठी के नेतृत्व में सीएचओ धौरहरा देवेश तिवारी, सीएचओ महुटा विपिन कृष्ण तिवारी, एएनएम अरुणा बागरी, सीएचओ डॉ. सुधांशु पाण्डेय, एमपीडब्ल्यू शिवचरण बुनकर, एएनएम लक्ष्मी चौधरी, आशा सुपरवाइजर रमा निगम, आशा सविता विश्वकर्मा और ललिता बागरी की ड्यूटी लगाई गई है। संबंधित स्वास्थ्य कर्मचारी 24 घंटे ग्राम में सतत संपर्क एवं निगरानी रखेंगे तथा नए रोगी की सूचना तत्काल जिला और खंड मुख्यालय पर अधिकारियों को देंगे।
इटमा गांव में पानी का सोर्स हैंडपंप और नल जल योजना है। पानी की जांच के लिए सैंपल लिया गया है। स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर क्लोरीन की टेबलेट एवं आवश्यक दवाइयां वितरित कर रहे हैं। सीएमएचओ ने बताया कि गांव में स्थिति नियंत्रण और ठीक है। इमरजेंसी के लिए गांव में 108 एम्बुलेंस भी स्टैंड बाई पर रखी गई है। संक्रमण का पता लगाने वाटर सैम्पल प्रिजर्व कर डीपी एचएल रीवा जांच के लिए भेजा है। रिपोर्ट आने तक ग्रामीणों को पानी उबालकर पीने की सलाह दी गई है। पेयजल स्त्रोतों को रिपोर्ट आने तक पीने के उपयोग के लिए प्रतिबंधित किया गया है। गांव में पानी शुद्ध करने ब्लीचिंग पावडर और क्लोरीन की गोलियों का वितरण किया गया है।