श्रीनगर 14 अगस्त (वार्ता) जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने बुधवार को नेशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को बड़ी राहत देते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से उनके और अन्य के खिलाफ जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के धन के कथित दुरुपयोग के संबंध में दर्ज धन शोधन मामले पर पेश आरोपपत्र खारिज कर दिया।
श्री अब्दुल्ला हालांकि इस मामले में उच्च न्यायालय के समक्ष याचिकाकर्ता नहीं थे, लेकिन आरोपपत्र में शामिल आरोपियों में से एक थे।
न्यायमूर्ति संजीव कुमार ने कहा कि उन्हें याचिकाकर्ता के वकील की दलील में दम नजर आया जिसे उन्होंने बहुत जोरदार तरीके से पेश किया और भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल की दलील को स्वीकार करने में अपनी असमर्थता पर खेद है।
न्यायालय के आदेश में कहा गया है कि शिकायत, आरोप-पत्र और नामित विशेष अदालत (प्रधान सत्र न्यायालय, श्रीनगर) की ओर से 18 मार्च-2020 के आदेश के तहत तय किये गये आरोपों को खारिज किया जाता है। हालांकि यह भी स्पष्ट किया जाता है कि आरोपों को खारिज करने के बावजूद ईडी के लिए ईसीआईआर को नए सिरे से पंजीकृत करना और पीएमएलए की धारा 3 के तहत याचिकाकर्ता के खिलाफ अभियोजन शुरू करना खुला रहेगा, यदि अंततः मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, श्रीनगर की अदालत अपराध/अपराधों के लिए आरोप तय करती है, जो विशेष रूप से पीएमएलए की अनुसूची में उल्लिखित हैं।
ईडी ने अपने आरोपपत्र में श्री अब्दुल्ला, जम्मू कश्मीर क्रिकेट संघ के पूर्व कोषाध्यक्ष अहसान अहमद मिर्जा, जेकेसीए के एक अन्य पूर्व कोषाध्यक्ष मीर मंजूर गजनफर और कुछ अन्य को आरोपी बनाया था।