बिलीडोज विद्यालय के हाल बेहाल, भवन की जर्जर छत से मंडरा रहा खतरा

बारिश के मौसम में बच्चों के बैठने के पड़ रहें लाले, जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान

नवभारत न्यूज

झाबुआ। जिला मुख्यालय से 3 किमी दूर एक स्कूल भवन की जर्जर हालत ने स्कूल के विद्यार्थियों को हाल बेहाल कर दिया हैं। वर्तमान में बारिश के मौसम में विद्यार्थियों के बैठने की फजीहत हो रही है, वही जिम्मेदार अधिकारी को भी गांव के सरपंच ने भी कई बार इसकी सूचना दी, बावजूद जिम्मेदार विभाग इस और भवन को दुरुस्त कराने की हिमाकत तक नहीं दिखा पा रहे हैं। सरपंच ने यहा तक कह दिया कि क्या जिम्मेदार विभाग किसी बड़ी हादसे के इंतजार के बाद जागेगा ?

जर्जर छत के नीचे बैठकर पढ़ने को मजबूर विद्यार्थी

शासकीय नवीन माध्यमिक विद्यालय बिलीडोज एक साल से इस परिसर मंें कई खामियों के बावजूद विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं, जिसका संकुल केंद्र रातीतलाई विखं झाबुआ शाला डाईस कोड 23240805707 अंकित है, जिसमें बारिश के मौसम में अधिकांश स्कूली कक्षों में विद्यार्थियों के बैठने के हाल बेहाल नजर आ रहे हैं, इस स्कूल में 1 से 8वीं तक के विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। स्कूल में 200 विद्यार्थी के लगभग दर्ज है। वही इस स्कूल में 7 के लगभग शिक्षक अपने दायित्व को जिम्मेदारी से निभा रहे हैं लेकिन विडंबना यह है, की बारिश के मौसम में अधिकांश कक्षों में छतों की जर्जर स्थिति के कारण बच्चे उन छतों के नीचे बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं, वही विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इसे दुरुस्त कराने की और ध्यान तक नहीं दे रहे हैं, कई कक्षों की छतें कई जगह से ऐसी जर्जर स्थिति में आ गई है कि छत के अंदर के लोहे के सरिए तक दिखाई देने लग गए हैं, जिसके कारण बारिश के समय छतों से इतना पानी टपकता है कि विद्यार्थियों को उन कक्षों को छोड़कर अन्य कमरों में बिठाकर शिक्षकों को अध्ययन करवाने पर मजबूर होना पड़ रहा है। इस और जिम्मेदार अधिकारी मुख्यालय से 3 किमी दूर होने के बावजूद भी रिपेयरिंग करवाने की दिशा में कोई कोशिश नहीं कर रहे हैं। इससे साफ जाहिर है कि जिला मुख्यालय के तीन किमी की परिधि में इस दशा में बच्चे अध्ययन कर रहे हैं तो जिले भर में दूर दर्राज के गांव, कस्बों, फलियों में स्कूलों के हाल क्या होंगे इसका सहज रूप से अंदाजा लगाया जा सकता है।

बाल्टीया रखकर पानी से कर रहे बचाव

शासकीय नवीन मावि बिलीडोज स्कूल के छत की हाल बेहद जर्जर अवस्था में पहुंच गई है। स्कूली भवन की छत जगह-जगह से जर्जर होने के कारण जगह-जगह से पानी टपक रहा है, जिसके कारण स्कूल के जिम्मेदार टेबलों के ऊपर डस्टबिन की बाल्टीया रखकर छतों से टपकने वाले पानी से बचाव कर रहे है, उसके बाद भी कक्षा रूम में पानी ही पानी नजर आ रहा है। जर्जर भवन में बारिश का पानी रिसने से बच्चों व शिक्षकों की जान पर हर पल खतरा मंडराते रहता है।

कई बार दी सूचना, लेकिन जिम्मेदार नहीं जागे

बताया गया कि शासकीय नवीन मावि बिलीडोज में जर्जर हो रहे शाला भवन की सूचना आंबाखोदरा सरपंच मदलेन पारंगी व शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष जितेंद्र व शाला प्रबंधन समिति के सचिव व प्रधान अध्यापक ने भी खंड स्तोत्र समन्वय को कई बार दी। सबसे पहले इस जर्जर भवन की सूचना 2 सितंबर 2020 को भी खंड स्तोत्र समन्वयक को दी थी लेकिन आज तक कई बार सूचना देने के बाद भी जर्जर भवन की रिपेयरिंग की और अधिकारियों द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है जिसके कारण बच्चों से लेकर शिक्षक भी इस भवन की दुर्दशा के कारण परेशान दिखाई दे रहे हैं। आंबाखोदरा सरपंच मदलेन पारंगी का कहना है कि मैने भी कई बार जिम्मेदार अधिकारियों को इस स्कूल भवन के बारे में अवगत कराया, लेकिन लगता है गरीब आदिवासी परिवारों के बच्चों के जान से उन्हें कोई लेना देना नही है, यदी आदिवासी बच्चों के लिए चिंचिंत होते तो आज हमें यह दुखडा नही बताना पडता। अब देखना है कि अब भी जिम्मेदारों की आंखे खुलती है या वे कोई घटना घटित होने के बाद जागेगे ?

12 झाबुआ-1- विद्यालय के हाल बेहाल

12 झाबुआ-2- बाल्टीया रखकर छतों से टपकने वाले पानी से कर रहे बचाव

12 झाबुआ-3- छत के अंदर लोहे के सरिए तक दिखने लगे

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