नयी दिल्ली, 07 अगस्त (वार्ता) केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को यहां बहुक्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग के लिये बंगाल की खाड़ी के देशों की पहल ( बिम्सटेक ) के सदस्यों की बैठक में व्यापार वार्ता के संबंध में सदस्य देशों की प्राथमिकताओं की फिर से जांच करके लम्बे समय से प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप दिए जाने पर बल दिया। उन्होंने सदस्य देश बंगलादेश की स्थिति पर चिंता जताई।
श्री गोयल ने गोयल ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा विदेश मंत्रालय के साथ साझेदारी में आयोजित पहले बिम्सटेक व्यापार सम्मेलन का उद्घाटन करते हुये कहा कि बिम्सटेक मुक्त व्यापार समझौते में देरी के पीछे के कारणों का पुनर्मूल्यांकन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सदस्यों को ऐसी ठोस सिफारिशें करने की आवश्यकता है जो सातो सदस्यों-बांग्लादेश, भारत, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, भूटान और नेपाल को स्वीकार्य हों। उन्होंने व्यापार वार्ता समिति और व्यापार समुदाय से अंतर-क्षेत्रीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने तथा क्षेत्रीय प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के लिये एक तरजीही व्यापार समझौते पर विचार करने का आह्वान किया।
श्री गोयल ने इस अवसर पर बंगलादेश की स्थिति की चर्चा करते हुये वहां के पूरे घटनाक्रम पर गहरी चिंता व्यक्त की और बांग्लादेश के उज्ज्वल भविष्य और शासन के सुचारु परिवर्तन की कामना की। अंत में, श्री गोयल ने कवि रवींद्रनाथ टैगोर को उद्धृत किया “यदि मैं एक दरवाजे से नहीं जा सकता, तो मैं दूसरे से जाऊंगा या मैं एक दरवाजा बनाऊंगा।” उन्होंने बिम्सटेक देशों की सरकारों और उद्यमियों से भारत के व्यापारिक समुदाय के साथ मिलकर एक समृद्ध क्षेत्र के लिए नए विकल्प बनाने का आग्रह किया।
श्री गोयल कहा कि बिम्सटेक के देशों के बीच आपसी व्यापार का स्तर कम है जिस पर आत्म निरीक्षण करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि समूह की पूरी क्षमता का लाभ उठाने के लिए लंबा रास्ता तय करना है। केंद्रीय मंत्री ने ईमानदार प्रतिक्रिया प्रदान करने और व्यापार सुविधा तथा वस्तुओं की सीमा पार आवाजाही को मजबूत करने में मदद करने के लिए सदस्य देशों के बीच गहन एकीकरण का आह्वान किया।
उन्होंने यह भी कहा कि सदस्यों को व्यापार घाटे को कम करने, ई-कॉमर्स में साझेदारी को मजबूत करने के लिये व्यापार सुविधा उपायों को मजबूत करने, डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकी की सहायता से सीमा शुल्क सीमाओं के बेहतर एकीकरण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिये।
श्री गोयल ने कहा कि आपस में आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने,व्यापार में प्रशुल्कीय और गैर-प्रशुल्कीय बाधाओं को हटाने, अंतरराष्ट्रीय मानदंडों को अपनाकर व्यापार सुविधा उपायों को मजबूत करने और निर्बाध परिवहन संपर्क पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिये ताकि बिम्सटेक सदस्य देशों के बीच व्यापार और निवेश सहयोग की पूरी संभावनायें उजागर हो सकें।
श्री गोयल ने निवेश, व्यापार और पर्यटन के क्षेत्र में सदस्य देशों के स्टार्टअप और उद्यमियों के बीच अधिक एकीकरण की उम्मीद जतायी। उन्होंने सदस्य देशों से खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवा और मानव संसाधन विकास को सुरक्षित करने के लिये प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहित करने और कृषि सहयोग को बढ़ावा देने की भी मांग की।