प्रभात झा की तरह सच्चे कार्यकर्ता, संगठक तैयार करें, यही उन्हें सर्वोचतम श्रद्धांजलि होगी-सुरेश सोनी

भोपाल, 06 अगस्त (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुख्यालय में आज भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व सांसद स्व. प्रभात झा के देवलोकगमन पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई।

भाजपा मुख्यालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार शोकसभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश सोनी ने कहा कि स्व. प्रभात झा को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि उनकी तरह सच्चे कार्यकर्ताओं का निर्माण और संगठन तैयार किए जाएं। भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने कहा कि एक श्रेष्ठ विचारक, कुशल संगठन हमारे बीच नहीं रहे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि स्व. प्रभात झा कुशल संगठक थे, घर जाकर मंडल के कार्यकर्ताओं से मिलते थे, यह संगठन निर्माण की अद्भुत कौशल शक्ति थी। वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि एक कुशल संगठक कैसा होना चाहिए, प्रभात झा से सीखा जा सकता है।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि स्व. प्रभात झा ने देश, समाज और विचार के लिए अपना जीवन जिया है। भाजपा के प्रदेश प्रभारी डॉ. महेन्द्र सिंह ने कहा कि स्व. प्रभात झा ने लोकसभा चुनाव में मुझे अभिभावक की तरह मध्यप्रदेश के संबंध में बताया था। भाजपा प्रदेश सह प्रभारी सतीश उपाध्याय ने कहा कि कार्यकर्ताओं को कैसे कार्य करना चाहिए, स्व. प्रभात झा जी के जीवन से सीखना चाहिए।

मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कभी कल्पना नहीं कि थी प्रभात झा जी इतनी जल्दी हम सबको छोडकर चले जाएंगे। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा स्व. प्रभात के जो दिल में होता था, वही उनके स्वर में होता था।

श्री सोनी ने कहा कि स्व. प्रभात झा अल्प समय में चले गए। अल्प समय में निधन पर तकलीफ थोड़ी ज्यादा होती है। कोई व्यक्ति मूलतः अच्छा हो, समय आने पर उसे सभी पार्टी और समाज के लोग अच्छा ही कहते हैं, इसी प्रकार के व्यक्तित्व थे प्रभात झा। प्रभात झा को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि उनकी तरह सच्चे कार्यकर्ताओं का निर्माण और संगठन तैयार किए जाएं। स्व. प्रभात झा एक अच्छे पत्रकार, कुशल संगठन, विचारक होने के साथ लाभ-हानि को सोचे बिना, जो मन में होता था, वही बोल देते थे। वे पत्रकार भी विशेष थे, खोजी पत्रकारिता, समाचारों का विश्लेषण करने के साथ सामाजिक सक्रियता भी बनाए रखने की उनमें विलक्षण क्षमता थी। ग्वालियर क्षेत्र में व्यापक संपर्क होने से उस क्षेत्र के सभी नेता उनसे संपर्क में रहते थे। जिन परिस्थितियों में वह जीवन यापन कर यहां तक पहुंचे। वह एक अच्छा और आदर्श कार्यकर्ता ही हो सकता है। प्रभात झा स्व. कुशाभाऊ ठाकरे की तरह आदर्श कार्यकर्ता निर्माण करने, संगठन को गढ़ने के साथ आदर्श और समग्र जीवन जीया है।

श्री शिवप्रकाश ने कहा कि 2002 में उत्तराखंड के चुनाव के समय से मेरा और प्रभात जी का संबंध है। उनके अस्वस्थ होने से पूर्व एक बहुत ही प्रेरणादायी व्हाट्सएप मैसेज उनका मुझे प्राप्त हुआ था, जिसमें मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव से पूर्व प्रदेश के अंदर सभी वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का किस प्रकार से प्रवास हो और कैसे सबको संभाला जाए। उनके सुझाव के आधार पर हम लोगों ने योजना बनाई थी। एक कुशल राजनेता, प्रखर पत्रकार, श्रेष्ठ विचारक एवं कुशल संगठक हमारे बीच नहीं रहे। स्व. प्रभात झा ने संगठन में रहते हुए कार्यकर्ताओं के निर्माण का जो कार्य किया है, वह बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने अपना पूरा जीवन पत्रकारिता, फिर संगठन को मजबूत बनाने, पार्टी कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए लगाया है। प्रभात झा जी ने हमेशा सार्वजनिक जीवन में एक आदर्श स्थापित किया, प्रदेश भर में भ्रमण कर उन्होंने संगठन को मजबूती प्रदान की और कार्यकर्ताओं को पहचान कर उन्हें गढ़ने का कार्य किया है। एक कुशल संगठक में जो गुण होने चाहिए, वह सभी स्व. प्रभात झा में थे। मैं अपनी ओर से, भारतीय जनता पार्टी केंद्र की ओर से, राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा जी की ओर से उनके श्रीचरणों में अपनी श्रद्धांजलि निवेदित करता हूं और परमात्मा से प्रार्थना करता हूं कि उनको अपने श्री चरणों में स्थान दें।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रभात जी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि आज इस सभा में सभी ने स्वर्गीय प्रभात के साथ अपने-अपने संबंध साझा किए। सब उनको स्मरण कर रहे हैं। मैं भी उनके साथ अलग-अलग दायित्व में रहा। जब-जब उनसे मिलता था, एक अलग ही ताकत पाता था और इसका ऐहसास भी होता था। जब वह पहली बार प्रदेश अध्यक्ष बनकर आए तो उन्होंने एक नया क्रम चालू किया कि प्रत्येक मंडल अध्यक्ष के घर पर जाकर मिलकर आना है। तब मुझे शुरू में अटपटा लगा, लेकिन बाद में ध्यान में आया कि यह उनका कार्यकर्ताओं के साथ खड़े होने का अनुपम संस्कार है। पैर में घाव होने पर भी वह पॉलिथीन लपेटकर महाकाल मंदिर में बाबा के दर्शन करने जाया करते थे। मुख्यमंत्री बनने के बाद मुख्यमंत्री निवास में पहुंचकर उन्होंने मेरा एक अभिभावक की तरह मागदर्शन किया और उनका हमारे बीच से चला जाना अत्यंत पीड़ा दायक है। ऐसे श्रेष्ठ कार्यकर्ता की कमी-कभी पूरी नहीं की जा सकेगी। बाबा महाकाल प्रभात जी को मोक्ष प्रदान करें।

श्री विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि स्व. प्रभात झा जी ऐसे संगठक थे कि एक व्यक्ति को कैसे तैयार किया जाता है, यह मैंने उनको कार्यकर्ताओं को तैयार करते हुए देखा है। वे छोटी सी लूना से चलते थे। अपनी मेहनत व श्रम से यहां तक पहुंचना कोई सामान्य बात नहीं है। पूरे देश के साथ दुनियाभर में आज उनके तैयार किए हुए कार्यकर्ता, समर्थक उन्हें याद कर रहे हैं। पार्टी में मंडल स्तर तक वे प्रवास करते थे। प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए इतना निचले स्तर तक प्रवास करना कार्यकर्ता निर्माण और संगठन को मजबूत बनाने का उनका ही कौशल था।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि स्वर्गीय प्रभात जी ने देश, समाज और विचार के लिए अपना जीवन जिया। हर काम कैसे सफल हो यह तड़प उनके अंदर थी। वह सचमुच के एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक संस्था थे। वे एक मौलिक चिंतक, राष्ट्रवादी विचारक थे।

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