जिला चिकित्सालय में ब्लड रैकेट गिरोह सक्रिय

क्रांस चेकिं ग से हुआ खुलासा, सज्जाक खान के नाम से मंगाया गया था ब्लड, वह अस्पताल में नही घर में था

सिंगरौली : जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेन्टर बैढ़न-बिलौंजी में ब्लड रैकेट गिरोह सक्रिय है। इसका सनसनी खेज खुलासा होने से जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों में हड़कंप मच गया है। जिस व्यक्ति के नाम से ब्लड मंगाया गया था। वह शख्स अपने घर देवसर में था।गौरतलब है कि जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेन्टर बैढ़न-बिलौंजी में ब्लड रैकेट गिरोह काफी दिनों से सक्रिय है। इसमें पैथालॉजिस्ट से लेकर कुछ चिकित्सक भी शामिल हैं। इस तरह के आरोप काफी दिनों से लग रहे थे। किन्तु बात पकड़ में नही आ रही थी। जिसके चलते रेडक्रॉस सोसाइटी का स्टाफ भी वेट एण्ड वॉच में लगा हुआ था।

सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार एक सनसनी खेज मामले ने जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेन्टर के कथित पैथालॉजिस्ट एवं कुछ चिकित्सकों के करतूतों का उस वक्त भण्डाफोर हो गया जब रेडकॉस सोसाइटी ने ब्लड डिमांड के संबंध में क्रांस चेकिं ग करा दिया । हुआ यूॅ था कि जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेन्टर के पैथालॉजिस्ट ने सज्जान खान उम्र 20 वर्ष के नाम से बी पॉजिटीव ब्लड उपलब्ध कराने के लिए प्रभारी रेडक्रॉस सोसाइटी ब्लड बैंक एनटीपीसी विंध्यनगर को ब्लड रिक्वेस्ट फार्म भेजा। किन्तु रेडक्रॉस स्टाफ ने क्रांस चेक कराया। इस दौरान सज्जाक खान के मोबाईल से संपर्क किया गया। जहां पता चला कि वह बीमार भी नही है और जिला चिकित्सालय में भी नही है। बल्कि व देवसर में है।

इस बात को सून रेडक्रॉस अमला भी दंग रह गए और पतासाजी कराने में जुट गया। जहां ज्ञात हुआ कि इस नाम का कोई शख्स जिला चिकित्सालय में भर्ती ही नही है। इसकी जानकारी जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन को भी दी गई। दोपहर तक मरीज अस्पताल में भर्ती नही था। मामला जब तूल पकड़ने लगा तो आनन-फानन में मरीज को शाम के वक्त अस्पताल में देवसर से बुलाकर भर्ती कराया गया और चिकित्सक गोलमाल जवाब देते हुये पैथालॉजिस्ट सहित एक-दूसरे पर दोषारोपण लगाते हुये गलतिया बताने लगे। फिलहाल यह मामला अकेला नही है। जिला चिकित्सालय में सीजर ऑपरेशन के नाम पर मरीजों से ब्लड रेडक्रॉस सोसाइटी से मंगा लेते हैं। लेकिन संबंधित मरीज को ब्लड चढ़ाते हैं कि नही इसपर कुछ कह पाना मुश्किल है।
दो बीमारियों से पीड़ित मरीज को मिलता है नि:शुल्क ब्लड
जानकारी के अनुसार रेडक्रॉस सोसाइटी सिंगरौली ने दो बीमारियों से पीड़ित मरीज को नि:शुल्क के साथ-साथ बिना डोनेटर के ब्लड देने का प्रावधान रखा है। करीब यह पॉच साल से निर्णय लिया गया है। सिकल सेल एनीमिया एवं थैलेसीमिया से पीड़ित मरीजों को बिना किसी शुल्क के ब्लड दिया जाता है। उसके बदले में डोनेटर की भी जरूरत नही पड़ती। सज्जाक खान युवक को सिकल सेल एनीमिया पीड़ित बताकर रेडक्रॉस से ब्लड मंगाया गया था। सूत्र बता रहे है कि उक्त ब्लड को सक्रिय रैकेट किसी अन्य उक्त बीमारी से पीड़ित मरीज को मुहैया कराता और उसके बदले में अच्छाखासा रकम वसूलता। लेकिन इसका खुलासा होने से चिकित्सक एवं दलालों के भी हाथ-पैर फूलने लगे। यहां तक कि दिन में भी आसमान में तारे नजर आने लगे। कथित चिकित्सकों के हवाइयां भी उड़ गई थी।
दो से पॉच हजार में होती ही सौदेबाजी
जिला चिकित्सालय में दलाल सक्रिय हैं। वही चर्चित कुछ चिकित्सकों के भी दलाल अस्पताल परिसर में पूरे दिन मड़राते रहते हैं। उन्हे जैसे ही भनक लगती है कि किसी को ब्लड की आवश्यकता है। उसके पीछे लग जाते हैं और सौदेबाजी शुरू कर देते हैं। सूत्र बताते है कि कथित चिकित्सकों से सांठगांठ कर इधर-उधर के जुगाढ़ में लग ब्लड को हासिल करने के बाद दो से पॉच हजार रूपये तक की सौदेबाजी की जाती है। यह गोरखधंधा काफी वर्षों से चला आ रहा है। इस गोरखधंधे में ब्लड उपलब्ध कराने के लिए कुछ चिकित्सक भी सामने आ जाते हैं। जिनकी भूमिका भी संदिग्ध है। यदि दलालों को पकड़कर गहराई से पूछतांछ की जाए तो कई कथित चिकित्सक भी बेनकाब हो सक ते हैं।
इनका कहना:-
एक बच्चे को ब्लड की जरूरत थी। कुछ कंफ्यूजन के चलते गलतियां हो गई थी। उसे ठीक कर लिया गया था। मरीज भर्ती है।
डॉ. देवेन्द्र सिंह
सिविल सर्जन
जिला चिकित्सालय, बैढ़न

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