तारों की बोझ से झुका पोल, एक व्यक्ति हादसे का शिकार
इंदौर: शहर में सैकड़ों कॉलोनियां बसी लेकिन सुविधा के नाम पर आज भी कॉलोनीवासियों को कई असुविधाओं का सामना करना पड़ता है जो जानलेवा साबित होता है. शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती और समस्या क्षेत्र में बरकरार रहती है.हवा बंगला क्षेत्र में विद्युत मंडल की एक बड़ी लापरवाई वार्ड क्रमांक 79 में देखी गई है. यहां वार्ड शहर में सबसे बड़ा है. इस क्षेत्र में सैकड़ों कॉलोनियां मौजूद है. इनमें कुछ ऐसी कॉलोनियां है जहां समस्याओं का अंबार लगा हुआ है. अगर विद्युत की बात करें तो यहां का दृश्य देख कर आंखे फटी के फटी रह जाती है.
क्षेत्र के सभी मकानों में अस्थाई मीटर लगे हुए है जिस का कनेक्शन एक ही विद्युत पोल से दिया गया है. फिर चाहे इस पोल से मकान कितनी ही दूर हो. यहां एक मात्र ऐसा पोल है जिस पर पूरी कॉलोनी के केबल तारों का बोझ डाला गया है जिससे यहां झुक भी गया है. तारों के इस जंजाल के बीच क्षेत्र में एक व्यक्ति के साथ बड़ा हादसा हो चुका है. जिसको करंट लगने के बाद अस्पताल में उपचार चल रहा है. देखने में आया है कि विद्युत केबल बोझ से इतनी नीचे हो चुकी है कि आते-जाते लोगों को झुककर निकलना पड़ता है. बताया जाता है कि स्थाई मीटर नहीं होने के कारण लोगों के बिल भी हद से ज़्याद आते हैं. मीटर स्थाई करने के लिए कई बार रहवासियों ने अवेदन भी दिए लेकिन आज तक सुनवाई नहीं हो पाई है.
इनका कहना है…
पूरे क्षेत्र में तारों का जाल फैला हुआ है. हाल ही में अपने घर की लाइट के तार को सही करते समय क्षेत्र का ही व्यक्ति करंट की चपेट में आ गए जिन की हालत गंभीर है.
– विजय सोनोने
आज भी स्थाई मीटर नहीं लगे हैं. कई बार कहा गया लेकिन कोई सुध नहीं लेता अखिर कब तक हम 5-7 हज़ार का बिल प्रति माह भरते रहेंगे, जो गलत है. घर खर्च उठाए किराया भरे या बिल.
– बेबी बाई
पिछले तीन सालों से हम सुनते आ रहे है कि मीटर स्थाई होंगे जिससे हमें भारी शुल्क देने से निजाद मिलेगी. लेकिन आज तक सिर्फ आश्वासन ही मिला है. आज तक तक प्रक्रिया शुरू नहीं की गई.
– पुष्पा राजपूत
अवैध कालोनी के कारण स्थाई मीटर नहीं
एमपीईबी विभाग एई को शिकायत कर दी है. उपयंत्री ने साफ मना करते हुए कहा कि यहां अवैध कॉलोनी है. इस मामले में विधाक मधू वर्मा से बात की है. उनका कहना है कि किसी योजना के अंतर्गत विद्युत पोल लगवाए जाऐंगे. हमारे प्रयास है कि सभी को स्थाई मीटर मिल सकें.
– लक्ष्मी वर्मा, पार्षद