भारत, जापान में बौद्ध धर्म की साझी विरासत दोनों देशों के नागरिकों को आपस में जोड़ती है: बिरला

नयी दिल्ली 01 अगस्त (वार्ता) लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को संसद भवन परिसर में जापान के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के स्पीकर महामहिम नुकागा फुकुशिरो के साथ बैठक में कहा कि भारत और जापान की सभ्यताओं में बौद्ध धर्म की साझी विरासत है, जो दोनों देशों के नागरिकों को आपस में जोड़ती है।

जापानी संसदीय शिष्टमंडल यहां भारत की पांच दिवसीय यात्रा पर आया है।

श्री बिरला ने जापानी संसदीय शिष्टमंडल की गर्मजोशी से स्वागत किया। इस अवसर पर श्री बिरला ने भारतीय संसद की नारी सशक्तीकरण की प्रति प्रतिबद्धता की जिक्र करते हुए कहा कि महामहिम फुकुशिरो को सूचित किया कि नये संसद भवन के पहले सत्र में नारी शक्ति वंदन अधिनियम सहित कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुये। बजट सत्र को सबसे महत्वपूर्ण सत्र बताते हुये श्री बिरला ने भारत की बढ़ती आर्थिक प्रगति का उल्लेख किया और कैसे हर क्षेत्र में भारत आगे बढ़ रहा है, इसका जिक्र किया।

उन्होंने भारत और जापान के बीच प्राचीन एवं गहरे रिश्तों का उल्लेख करते हुये कहा कि दोनों सभ्यताओं में बौद्ध धर्म की साझी विरासत है, जो दोनों देशों के नागरिकों को आपस में जोड़ती है। श्री बिरला ने इस प्रकार के जन से जन संपर्क को दोनों देशों के मैत्रीपूर्ण संबंधों की बुनियाद बताया।

श्री बिरला ने बौद्ध धर्म से जुड़े धार्मिक स्थानों की यात्रा के लिये प्रतिवर्ष जापान से भारत आने वाले पर्यटक एवं तीर्थयात्रीयों की बड़ी संख्या पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुये कहा कि इससे दोनों देशों के नागरिकों के बीच आपसी समझ विकसित होती है। उन्होंने भारत और जापान के सांझे लोकतंत्र मूल्यों का उल्लेख करते हुये जापानी शिष्टमंडल को सूचित किया कि इस वर्ष हुये लोक सभा चुनाव में लगभग 65 करोड़ लोगों ने अपने मताधिकार को प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि भारत में प्रति निर्वाचन क्षेत्र में औसतन 20 लाख से भी अधिक मतदाता होते हैं। भारत की निर्वाचन प्रक्रिया निर्वाचन आयोग द्वारा सम्पन्न की जाती है, जो स्वयं एक संवैधानिक संस्था है। उन्होंने कहा कि भारत के निर्वाचन आयोग का स्वच्छ, स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने का रिकॉर्ड रहा है।

उन्होंने देश की लंबी लोकतान्त्रिक यात्रा का उल्लेख करते हुये कहा कि वर्ष 1947 में आजादी के बाद से भारतीय लोगों ने लोकतंत्र के माध्यम से अपने देश का विकास किया है। उन्होंने कहा कि इस कालखंड में देश में व्यापक सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन हुये हैं।

श्री बिरला ने कहा कि देश की विकास यात्रा में कई चुनौतियों का देश के जनप्रतिनिधियों ने सहमति-असहमति और चर्चा संवाद से समाधान किया है।

लोकसभा अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार सरकार बनने का उल्लेख करते हुये कहा कि आज भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि देश में मजबूत और पारदर्शी सरकार होने के कारण आर्थिक निवेश की बड़ी संभावनायें हैं। राज्यों में भी निवेश के पर्याप्त अवसर हैं।

उन्होंने हर्ष व्यक्त करते हुये कहा कि भारत में कई जापानी कंपनियां कार्य कर रही हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आर्थिक निवेश और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भविष्य में भी दोनों देशों का आपसी सहयोग और बढ़ता रहेगा।

जापान और भारत की सांसदों के बीच सहयोग को और अधिक बढ़ावा देने पर ज़ोर देते हुये श्री बिरला ने कहा कि दोनों देश संसदीय क्रियाकलापों के माध्यम से अपने नागरिकों के बीच संबंधों को और मजबूत बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों संसद अपने संसदीय सर्वोत्तम अनुभवों को, नवाचार को, अच्छी परंपराओं को, अपनी संसदों की उपलब्धियों को आपस में साझा कर सकते हैं, जिससे दोनों संसदों के बीच आपसी समझ बढ़ेगी और सहयोग के नये पक्षों का मार्ग प्रशस्त होगा। इस सन्दर्भ में श्री बिरला ने सुझाव दिया कि दोनों देशों के संसदीय शिष्टमण्डल एक दूसरे के देशों में नियमित यात्रायें करें। उन्होंने आगे कहा कि संसदीय मैत्री समूह विभिन्न विषयों पर नियमित संवाद करें, जिससे हम एक दूसरे के अनुभवों से लाभ उठा सकें।

श्री बिरला ने संसद में हो रहे डिजिटल टेक्नॉलॉजी के अधिकतम उपयोग का उल्लेख करते हुये कहा कि डिजिटल क्रांति से भारत में इस दिशा में बड़े परिवर्तन किये जा रहे हैं। उन्होंने भारत की संसदीय प्रशिक्षण संस्था प्राइड का उल्लेख करते हुये कहा कि प्राइड द्वारा आयोजित प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के लिये 100 से अधिक देशों के प्रतिभागी आते हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि दोनों संसद संसदीय प्रशिक्षण संस्थाओं के बीच सहयोग की रूपरेखा बनाने पर विचार कर सकते हैं।

उन्होंने हर्ष व्यक्त करते हुये कहा कि दोनों संसद के प्रगाढ़ संबंधों के कारण आपसी संबंधों में न सिर्फ घनिष्टता आयी है, बल्कि बदलते परिप्रेक्ष्य के साथ उनमें अनेक नये आयाम भी जुड़े हैं।

श्री बिरला ने वर्ष 2019 में अपनी पी-20 सम्मेलन के लिये जापान की यात्रा को स्मरण करते हुए कहा कि उस बैठक में व्यापार, टेक्नॉलॉजी और सतत विकास पर दोनों पक्षों के बीच व्यापक चर्चा हुई थी। उन्होंने गत वर्ष भारत में हुये पी 20 शिखर सम्मेलन में हुई बैठक की भी चर्चा की।

इस अवसर पर महामहिम फुकुशिरो ने श्री बिरला को लगातार दूसरी बार अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई दी। उन्होंने लोक सभा और राज्य सभा की कार्यवाही देखने के लिये श्री बिरला का आभार व्यक्त किया तथा लोकसभा अध्यक्ष की भारत जापान संबंधों को मज़बूत करने के प्रयासों की भी सराहना की। महामहिम फुकुशिरो ने केरल में हुए भूस्खलन हादसे पर अपनी संवेदना व्यक्त की।

दोनों देशों के आर्थिक संबंधों का उल्लेख करते हुये महामहिम फुकुशिरो ने कहा कि जापानी कम्पनियाँ भारत में निवेश करने के लिये उत्सुक है। उन्होंने भारत और जापान के बीच मानव संसाधनों के आदान प्रदान को बढ़ावा देने पर भी ज़ोर दिया जा रहा है। श्री फुकुशिरो ने कहा कि और अधिक आर्थिक सहयोग से भारत के युवाओं को रोज़गार के अवसर मिलेंगे और जापान की अर्थव्यवस्था को भी बढ़त मिलेगी। उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी, सेमीकंडक्टर और आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस जैसे टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर बल दिया।

दोनों देशों की रणनीतिक संबंधों का उल्लेख करते हुये श्री फुकुशिरो ने कहा कि जापान और भारत एशिया महाद्वीप के दो सशक्त लोकतंत्र है जो कि साझा लोकतान्त्रिक मूल्यों और कानून के शासन पर आधारित है। उन्होंने कहा कि एशियाई शांति और समृद्धि भारत और जापान के करीबी सहयोग से स्थापित होगी।

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