वन स्टाफ सेन्टर में एनजीओ चयन के विज्ञापन में किया था छेड़खानी, शिकायत होने पर आनन-फानन में किया निरस्त
सिंगरौली : जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास सिंगरौली के विरूद्ध कार्रवाई कि ये जाने का मामला जोर पकड़ने लगा है। वन स्टाफ सेन्टर में एनजीओ के चयन में विज्ञापन में हेराफेरी करने का प्रयास किया था।गौरतलब है कि जुलाई माह में सिंगरौली में वन स्टाफ सेन्टर में विधिमान्य स्व सेवी संस्था के चयन के लिए आईसीडीएस के द्वारा विज्ञापन जारी कि या गया था। किन्तु विज्ञापन में चर्चित जिला कार्यक्रम अधिकारी आईसीडीएस ने कलेक्टर को अंधेरे में रख राज्य शासन के विपरित अर्हता के मापदण्डों में फेरबदल कर दिया था।
उक्त मामले की शिकायत जब कलेक्टर तक पहुंची तो डीपीओ ने उक्त विज्ञापन को निरस्त करने का राग अलापने लगे। अब आरोप है कि यदि उक्त मामले की शिकायत कलेक्टर तक न पहुंचती तो ऐसे में डीपीओ अपने कार्यगुजारी में सफल हो जाते। आम आदमी पार्टी के नेता राजेश सोनी ने अपने वक्तव्य में कहा है कि डीपीओ अपने किसी चहेते एनजीओ को रखने के लिए गहरी साजिश रचा था। लेकिन उनकी साजिश नाकाम हो गई है। विज्ञापन में छेड़खानी करने वाले डीपीओ के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। यदि उक्त विज्ञापन में छेड़खानी का मामला कलेक्टर तक न पहुंचता तो डीपीओ अपनी मंशा पूरी कर लेते।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि एनसीएल के सीएसआर से सामग्री क्र य करने के लिए रकम मिली थी। उसमें भारी मात्रा में घपला हुआ है। जिसक ी जांच ठण्डे बस्ते में है। आगे कहा कि डीपीओ की एक नही अनेक कार्यगुजारियां हैं। यदि उन्हें हटाकर आईसीडीएस के काले कारनामों के जांच करा दी जाए तो कई काले कारनामे सामने आ सक ते हैं। उन्होंने इस ओर कलेक्टर का ध्यान आकृष्ट कराया है।