विकसित भारत के लिए शहरों को विकसित करना जरूरी

नयी दिल्ली 31 जुलाई (वार्ता) राज्यसभा में बुधवार को सदस्यों ने कहा कि देश को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए शहरों का प्राथमिकता के आधार पर विकास किया जाना जरूरी है।

भारतीय जनता पार्टी के घनश्याम तिवाड़ी ने सदन में आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा शुरू करते हुए कहा कि सरकार को पता है कि विकसित भारत का रास्ता देश के शहरों से होकर गुजरता है इसलिए बजट में शहरी आवास पर बजट में विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि बजट में कहा गया है कि अगर विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करना है तो शहरी क्षेत्रों में विश्वस्तरीय ढांचों का निर्माण करना होगा। बजट में शहरों के विकास के लिए 86 हजार करोड़ रूपये से अधिक का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि इसमें तीस लाख से अधिक आबादी वाले 14 राज्यों के विकास पर प्रमुख रूप से ध्यान दिया जायेगा। शहरों के विकास के लिए सरकार आठ सूत्री योजना पर कार्य कर रही है।

श्री तिवाड़ी ने कहा कि शहरों में मेट्रो के विस्तार के लिए 21 हजार करोड़ रूपये से अधिक का आवंटन किया गया है। लोगों को आवास उपलब्ध कराने के लिए बजट में रेंटल योजना का प्रावधान किया है। इससे मकान खरीदने में अक्षम लोगों को रहने के लिए मकान मिलेंगे। इसके अलावा शहरों में साप्ताहिक हाट लगाने का प्रस्ताव किया गया है और ये बाजार 100 शहरों में लगाये जायेंगे। सरकार ने सड़कों पर रेहड़ी पटरी लगाने वालों को ध्यान में रखकर व्यवसाय की सुगमता के लिए तीन हजार करोड़ रूपये का आवंटन किया गया है।

उन्होंने कहा कि कम आय वाले लोगों के लिए मकान बनाने के उद्देश्य से विशेष राशि का प्रावधान किया गया है। स्वच्छ भारत मिशन को मजबूती से आगे बढाने के लिए पांच हजार करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री को सभी राज्यों के शहरी विकास मंत्रियों के साथ इस बारे में बैठक कर भविष्य की रणनीति बनानी चाहिए।

कांग्रेस के अजय माकन ने कहा कि शहरों के विकास के लिए जितनी राशि की जरूरत होती है उतनी आवंटित नहीं की जाती। उन्होंने कहा कि शहरों के विकास के लिए सकल घरेलू उत्पाद की 1.1 प्रतिशत राशि कम से कम खर्च की जानी चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए दी जाने वाली राशि को अपर्याप्त बताते हुए कहा कि इतनी राशि में अच्छे मकान नहीं बनाये जा सकते। उन्होंने कहा कि एक लाख रूपये की राशि में मकान की मरम्मत तक नहीं की जा सकती अच्छा मकान कैसे बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार गरीब लोगों के लिए स्वनिधि योजना लेकर आ रही है दूसरी ओर इन लोगों को उजाड़ा जा रहा है।

तृणमूल कांग्रेस के जवाहर सरकार ने कहा कि सरकार की हर घर जल से नल योजना के बावजूद अनेक क्षेत्रों में पेयजल नहीं पहुंच सका है। उन्होंने कहा कि शहरों में सीवर की समस्या समुचित नहीं है और इनके अवरूद्ध होने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की स्मार्ट सिटी योजना पूरी तरह से विफल रही है। इसके लिए पर्याप्त धन की व्यवस्था नहीं की गयी।

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के मेदा रघुनाथा रेड्डी ने कहा कि मानसून के समय बारिश के कारण शहरों की निकासी व्यवस्था ठप हो जाती है। इससे जगह जगह पर पानी भर जाता है और लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो जाता है। उन्होंने आन्ध्र प्रदेश में स्मार्ट सिटी की चार लंबित परियोजनाओं को शीघ्र पूरा किये जाने की मांग की।

द्रमुक के ए गिरिराजन ने केन्द्र सरकार पर तमिलनाडु की उपेक्षा किये जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि चेन्नई में मेट्रो परियोजना के दूसरे चरण के लिए धन राशि जारी नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि स्लम तथा झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर को उपर उठाने के लिए कदम उठाये जाने की जरूरत है।

कांग्रेस के अजय माकन ने कहा कि शहरों के विकास के लिए जितनी राशि की जरूरत होती है उतनी आवंटित नहीं की जाती। उन्होंने कहा कि शहरों के विकास के लिए सकल घरेलू उत्पाद की 1.1 प्रतिशत राशि कम से कम खर्च की जानी चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए दी जाने वाली राशि को अपर्याप्त बताते हुए कहा कि इतनी राशि में अच्छे मकान नहीं बनाये जा सकते। उन्होंने कहा कि एक लाख रूपये की राशि में मकान की मरम्मत तक नहीं की जा सकती अच्छा मकान कैसे बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार गरीब लोगों के लिए स्वनिधि योजना लेकर आ रही है दूसरी ओर इन लोगों को उजाड़ा जा रहा है।

तृणमूल कांग्रेस के जवाहर सरकार ने कहा कि सरकार की हर घर जल से नल योजना के बावजूद अनेक क्षेत्रों में पेयजल नहीं पहुंच सका है। उन्होंने कहा कि शहरों में सीवर की समस्या समुचित नहीं है और इनके अवरूद्ध होने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की स्मार्ट सिटी योजना पूरी तरह से विफल रही है। इसके लिए पर्याप्त धन की व्यवस्था नहीं की गयी।

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के मेदा रघुनाथा रेड्डी ने कहा कि मानसून के समय बारिश के कारण शहरों की निकासी व्यवस्था ठप हो जाती है। इससे जगह जगह पर पानी भर जाता है और लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो जाता है। उन्होंने आन्ध्र प्रदेश में स्मार्ट सिटी की चार लंबित परियोजनाओं को शीघ्र पूरा किये जाने की मांग की।

द्रमुक के ए गिरिराजन ने केन्द्र सरकार पर तमिलनाडु की उपेक्षा किये जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि चेन्नई में मेट्रो परियोजना के दूसरे चरण के लिए धन राशि जारी नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि स्लम तथा झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर को उपर उठाने के लिए कदम उठाये जाने की जरूरत है।

आम आदमी पार्टी के विक्रमजीत सिंह साहनी ने कहा कि गरीबों की आवश्यकताओं को ध्यान रखकर मकान बनायें जाने चाहिए। पंजाब में ज्यादातर गरीब शहरों में हैं और उनके लिए मकानों की जरुरत है। सरकार को इनकी ओर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में 60 करोड़ भारतीय अपनी मूल स्थानों से विस्थापित है। दिल्ली पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। इसकी प्रतिष्ठा का ध्यान रखना चाहिए। मेट्रो रेल देश के कई शहरों चल रही है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़, मोहाली और पंचकुला तथा पंजाब के अन्य शहरों में मेट्रो रेल चलायी जानी चाहिए। स्वच्छ भारत अभियान के कुछ मानक होने चाहिए। उन्होंने दिल्ली में 1984 के सिख विरोधी दंगों की कड़ी निंदा की।

बीजू जनता दल के मुजीबुल्ला खान ने कहा कि बहुत सारे शहरों में सुविधायें जुटाने की जरुरत है। उन्होंने भुवनेश्वर, कटक और पुरी में मेट्रो रेल की अनुमति देनी चाहिए। इससे स्थानीय जनता के साथ साथ तीर्थयात्रियों को भी लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान बनाने के लिए निर्धारित राशि काे बढाया जाना चाहिए। गांव से शहरों में आने वाले लोगों के लिए भी सोचना हाेगा। रेलवे स्टेशनों के आस पास के क्षेत्र में जल निकासी का प्रावधान किया जाना चाहिए। जल भराव की समास्या देशव्यापी बन रही है। देश के प्रमुख शहर इससे प्रभावित हैं।

अन्नाद्रमुक के एम थंबीदुरई ने कहा कि शहरों में आधारभूत सुविधायें जुटाई जानी चाहिए। सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होनी चाहिए। शहरों को पर्याप्त आवंटन किया जाना चाहिए। छोटे शहर धन की कमी से जूझते हैं। उनकी मदद की जानी चाहिए। भारतीय जनता पार्टी के मिथिलेश कुमार ने कहा कि विकसित भारत के लिए बजट में शहरों में सुविधायें बढ़ाने के उपाय किये जा रहे हैं। शहरों में रोजगार के अवसर सृजित किये जा रहे हैं। देश में 27 शहरों में मेट्रो रेल चल रही है और निर्माणाधीन है। चर्चा अधूरी रही।

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