संप्रग के कार्यकाल में कोविड में से भी अधिक महंगाई थी: सीतारमण

नयी दिल्ली 31 जुलाई (वार्ता) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष विशेषकर कांग्रेस पर किसानों से झूठे वादे करने का आरोप लगाते हुये बुधवार को राज्यसभा में कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के कार्यकाल में महंगाई दो अंकोे में थी जबकि मोदी सरकार के 10 वर्षाें के कार्यकाल में औसत महंगाई 5.8 प्रतिशत रही है।

श्रीमती सीतामरण ने केंद्रीय बजट 2024-25 पर 20 घंटे से अधिक समय तक चली चर्चा का जबाव देते हुये कहा कि कांग्रेस महंगाई को लेकर मुखर हो रही है जबकि सच्चाई कुछ और ही है। उन्होंने कहा कि संप्रग के कार्यकाल में महंगाई दो अंकों में पहुंच गयी थी और देश की औसत महंगाई वैश्विक महंगाई से अधिक थी जबकि मोदी सरकार के कार्यकाल में कोविड महामारी के दौरान भी महंगाई काबू में थी। उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान वैश्विक स्तर पर कई देशों की महंगाई दो अंकों में चली गयी थी लेकिन भारत में महंगाई एकल अंक में थी।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों ने पेट्रोल की कीमतें कम कर लोगों को राहत नहीं दी है। उन्होंने कहा कि खाद्यान्नों विशेषकर दलहन और खाद्य तेलों की आपूर्ति बनाये रखने के उद्देश्य से भंडारण में वृद्धि की गयी है और खाद्य तेल की कीमतों को नियंत्रण में रखने के उद्देश्य से उसपर आयात शुल्क को मार्च 2025 तक के लिए कम कर दिया गया है। इससे इसकी उपलब्धता बढ़ी है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा किसानों से झूठे वादे किये हैं और वर्ष 2008 में कृषि ऋण माफ करने की योजना लाकर भी ऐसा ही किया था जबकि मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से देश के 11 करोड़ किसानों को 3.24 लाख करोड़ रुपये की सम्मान निधि दे चुकी है। उर्वरकों पर सब्सिडी बढ़ाकर किसानों को राहत दी जा रही है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री फसल बीमा के माध्यम से और किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसानों को मदद की जा रही है। वर्तमान में कृषि ऋण में भारी वृद्धि की गयी है जबकि संप्रग के कार्यकाल में ऋण के लिए किसानों को धक्के खाने पड़ते थे।

श्रीमती सीतारमण ने राज्यों के साथ भेदभाव किये जाने के आरोपों पर कहा कि वर्ष 2009-10 के अंतरिम बजट में सिर्फ उत्तर प्रदेश और बिहार के नाम का उल्लेख था। उन्होंने कांग्रेस कार्यकाल के कई वित्त मंत्रियों के भाषणों का उल्लेख करते हुये कहा कि भाषण में सभी राज्यों का नाम नहीं होने का मतलब यह नहीं है कि बजट में उन राज्यों के लिए आवंटन नहीं है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल, केरल और तेलंगाना ने वर्ष 2021 से 2023 के दौरान अधिक धनराशि देने की मांग की थी और बाजार उधारी से उनकी मांग पूरी की गयी। उन्होंने कहा कि राज्यों को 24.19 लाख करोड़ रुपए दिये जा रहे है जाे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 4.93 लाख करोड़ रुपये अधिक है।

श्रीमती सीतारमण ने बेरोजगारी का उल्लेख करते हुये कहा कि बजटीय प्रावधान युवाओं को रोजगार सक्षम बनाने के साथ ही रोजगार सृजन को ध्यान में रख किये गये हैं। उन्होंने कहा कि संप्रग के समय रोजगार विहीन विकास था जबकि अभी आर्थिक वृद्धि के साथ ही रोजगार भी मिल रहा है। मोदी सरकार के कार्यकाल में युवा श्रमबल में वृद्धि हुयी है और महिला श्रमिकों की भागीदारी भी बढ़ी है। बेरोजगारी दर गिरकर 3.2 प्रतिशत पर आ गयी है।

वित्त मंत्री ने कहा कि अग्निवीर योजना राष्ट्रहित को ध्यान में रखकर लायी गयी है। अमेरिका और ब्रिटेन में सैनिकों की नौकरी छह वर्ष के लिए होती है ताकि सैनिक शारीरिक तौर पर फिट रह सके। उन्होंने कहा कि संग्रप के कार्यकाल में कहा जाता था कि सेना के लिए धनराशि नहीं है और आज देश में सिर्फ हथियार का निर्माण हो रहा है बल्कि निर्यात भी किया जा रहा है। देश में बुलेट प्रूफ जैकेटों का भी विनिर्माण बढ़ाया गया है।

श्रीमती सीतारमण ने मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए आयोजित होने वाली एनआईआईटी का उल्लेख करते हुये कहा कि इससे किसी भी राज्य को नुकसान नहीं हुआ है। इसमें 85 प्रतिशत सीटे संबंधित राज्यों के छात्रों के लिए आरक्षित होता है जबकि 15 प्रतिशत अखिल भारतीय स्तर के लिए होता है जिसमें एक दूसरे राज्यों के छात्रों को प्रवेश दिया जाता है। इससे गरीब बच्चों को भी सस्ती मेडिकल शिक्षा का लाभ मिला है।

उन्होंने बजट में विभिन्न विभागों के लिए किये गये प्रावधानोें का उल्लेख करते हुये कहा कि यह अंतरिम बजट का ही एक हिस्सा है जो सबका विकास, सबका विश्वास और सबका साथ पर आधारित है। इसमें विकास, रोजगार , जन कल्याण और इंफ्रा निवेश के साथ पूरा संतुलन बनाया गया है। अंतरिम बजट में राजकोषीय घाटे को 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था जिसे अब कम करके 4.9 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में इसको 4.5 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य तय किया गया है।

वित्त मंत्री ने भारतीय अर्थव्यवस्था के दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला बताते हुये कहा कि आईएमएफ ने चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के सात प्रतिशत की गति से बढ़ने का अनुमान जताया है। आईएमएफ ने कहा है कि वैश्विक जीडीपी में भारत की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत है और अगले पांच वर्षाें में इसमें और वृद्धि हाेगी। बजट का लक्ष्य 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाना है।

श्रीमती सीतारमण ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) का उल्लेख करते हुये कहा कि देश में मांग का 97 प्रतिशत मोाबाइल का उत्पादन हो रहा है और 37 प्रतिशत का निर्यात किया जा रहा है। पीएलआई बहुत सफल है और मोबाइल उत्पादन इसका उदारहण है। अन्य 13 क्षेत्रों में भी पीएलआई योजना है। भारत को वैश्विक विनिर्माण केन्द्र बनाने का लक्ष्य है। बजट 25 खनिजों से सीमा शुल्क समाप्त किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 से 2014 के दौरान 13.19 लाख करोड़ रुपये बुनियादी ढांचे पर व्यय किया गया था जबकि 2014-24 केे दौरान 43.83 लाख करोड़ रुपये व्यय किया गया है। राज्यों के लिए 28 लाख करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया गया है। विभिन्न क्षेत्रों के आवंटन में भी बढोतरी की गयी है। उन्होंने कहा कि सरकारी उधारी में भी कमी आयी है। वर्ष 2013-14 की तुलना में 2023-24 में 16.5 प्रतिशत की कमी आयी है।

श्रीमती सीतारमण ने जम्मू कश्मीर के बजट का उल्लेख करते हुये कहा कि वर्ष 2019 के बाद से राज्य के विकास में तेजी आयी है और सरकार के प्रयासों से जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था में व्यापक सुधार हुआ है। भाजपा शुरू से ही एक देश एक विधान एक निशान के पक्ष में रही है।

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