राजस्थान में मिले प्यार और अपनत्व को वह कभी नहीं भुला पाएंगे: मिश्र

जयपुर, 30 जुलाई (वार्ता) राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि राजस्थान के लोगों का उन्हें मिले प्यार और अपनत्व को वह कभी भुला नहीं पाएंगे।

श्री मिश्र ने अपने पांच वर्ष पूर्ण होने पर राजभवन के दरबार हॉल में अपने सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में भावुक होते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की सभी प्रमुख संवैधानिक संस्थाओं में कार्य करने का अवसर मिला, पर राज्यपाल के रूप में सार्वजनिक जीवन में संविधान संस्कृति के लिए जो कार्य किया वह महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा “भारत का संविधान पूरे देश का सर्वोच्च विधान है। इसलिए मैंने यह तय किया कि संविधान प्रमुख रहते हुए संविधान जागरूकता के लिए कार्य करूंगा।” उन्होंने कहा कि हमारे यहां सामुहिक भाव का महत्व है। संविधान का आरंभ ही, “हम भारत के लोग” से होता है। उन्होंने कहा “मूल संविधान भारतीय सभ्यता और संस्कृति से ओतप्रोत है। मैंने इस संविधान को धरती पर उतारने का प्रयास किया। राजभवन में देश का पहला संविधान पार्क निर्मित करने की पहल हुई। अपने सभी सार्वजनिक कार्यक्रमों से पूर्व संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों के वाचन की पहल की। विधानसभा में अभिभाषण से पहले संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों के वाचन का सूत्रपात किया। विश्वविद्यालयों में संविधान पार्क निर्मित करवाए।”

अपने कार्यकाल के पांच वर्षों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों में ‘च्वाईस बेस्ड सिस्टम’ लागू करने और सर्वश्रेष्ठ विष्वविद्यालय को ‘कुलाधिपति पुरस्कार’ प्रदान करने की पहल की गई। मासिक प्रतिवेदन के आधार पर विश्वविद्यालयों का नियमित मूल्यांकन भी राजभवन स्तर पर सुनिश्चित किया गया। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोहों को प्रति वर्ष आयोजित कर समय पर विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान करने की ऐतिहासिक पहल हुई। गांव गोद लेकर उनके विकास की पहल की गयी। जनजातीय क्षेत्रों में विकास को गति दी गई।

श्री मिश्र ने कहा कि राज्यपाल राहत कोष का पूरी तरह से डिजीटलाईजेशन कर इसके बैंक खाते में ऑन-लाईन दान राशि जमा करवाने की सुविधा सॉफ्टवेयर बना कर उपलब्ध करवाई गयी। सैनिक कल्याण विभाग के अंतर्गत प्रदेश में संचालित समस्त ‘युद्ध विधवा छात्रावास एवं पुनर्वास केन्द्रों’ का नाम परिवर्तन कर ‘वीरांगना छात्रावास एवं पुनर्वास केन्द्र’ करने के साथ ही ‘वीरांगना पहचान पत्र’ की तर्ज पर शहीद की माता को ‘‘वीर माता पहचान पत्र’’ तथा शहीद के पिता को ‘‘वीर पिता पहचान पत्र’’ जारी करने का महत्वपूर्ण निर्णय भी राजभवन की पहल पर किया गया।

राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंर्तगत प्रदेशभर में निक्षय मित्र बनाकर टीबी उन्मूलन में जनभागीदारी बढ़ाई गई। इसी तरह अंगदान के लिए रेडक्रॉस के जरिए जागरूकता की पहल की गई। उन्होंने विश्वास जताया कि उनके किए कार्यों और नवाचारों को आगे भी जारी रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि सबके सामूहिक सहयोग और संकल्प से ही बहुत कुछ महत्वपूर्ण हो सका।

राज्यपाल के सचिव गौरव गोयल ने कहा कि श्री मिश्र के मार्गदर्शन में राजस्थान में निरंतर नवाचार अपनाते हुए महत्वपूर्ण कार्य हुए। उन्होंने कहा कि श्री मिश्र का कार्यकाल सदा स्मरणीय रहेगा। प्रमुख विशेषाधिकारी गोविंद राम जायसवाल ने कहा कि उनके साथ कार्य करने से निरंतर सीखने और नया करने की प्रेरणा मिली। राजभवन की ओर से सचिव गौरव गोयल ने उन्हें स्मृति चिह्न भेंट किया।

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