० राजनीतिक दबाव बनाने के लिये जनपद उपाध्यक्ष को परेशान करने हुआ था प्रयास, सीधी कलेक्टर ने याचिका को आधारहीन मानकर किया निरस्त
नवभारत न्यूज
सीधी/रामपुर नैकिन 30 जुलाई। जिले के जनपद पंचायत रामपुर नैकिन के उपाध्यक्ष ऋषिराज मिश्रा के निर्वाचन को शून्य करने कलेक्टर न्यायालय सीधी में प्रस्तुत याचिका को सुनवाई के पश्चात निरस्त कर दिया गया है। सीधी कलेक्टर ने याचिका को आधारहीन मानकर खारिच करने का आदेश पारित किया।
दरअसल राजनीतिक दबाव के चलते जनपद उपाध्यक्ष ऋषिराज मिश्रा को परेशान करने के लिए यह याचिका दायर की गई थी। याचिका प्रकरण क्रमांक/ 0004/अ89(2)/2022-23 के याचिकाकर्ता राकेश पाण्डेय पिता गणेशमणि पाण्डेय अभ्यर्थी जनपद सदस्य जनपद पंचायत रामपुर नैकिन निवासी क्षेत्र क्रमांक 01 मझिगवां निवासी ग्राम सगौनी से इनके द्वारा जनपद उपाध्यक्ष ऋषिराज मिश्रा समेत 7 लोगों को गैर याचिकाकर्ता गण में शामिल किया गया था। 29 जुलाई 2024 को सुनवाई के पश्चात जारी फैसला में कलेक्टर सीधी स्वरोचिष सोमवंशी ने तमाम तर्कों एवं दृष्टांतों के मद्देनजर रखा। निर्णय में कहा गया है कि याचिकाकर्ता की ओर से प्रस्तुत दस्तावेजों से भी गैर याचिकाकर्ता के दोष सिद्ध होने की पुष्टि नहीं होती। जबकि गैर याचिकाकर्ता की ओर से प्रस्तुत न्यायालयीन प्रकरणों के निर्णय की प्रति से यह साबित होता है कि उसे संबंधित आपराधिक प्रकरणों में दोषमुक्त किया जा चुका है। न्यायालय द्वारा प्रकरण के विचारणीय बिन्दुओं में यह रखा गया था कि गैर याचिकाकर्ता द्वारा अपने नाम निर्देशन पत्र के साथ प्रस्तुत शपथ पत्र में अपने विरुद्ध दर्ज आपराधिक प्रकरणों को अंकित नहीं किया गया है तथा हाईस्कूल 10वीं उत्तीर्ण होने के बाद अपनी शैक्षणिक योग्यता 12वीं उत्तीर्ण का लेख शपथ पत्र में किया गया था। मध्यप्रदेश निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्वाचन संदर्शिका के अध्याय-12 नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा की कंडिका 12.6 में यह प्रावधानित है कि घोषणा पत्र/ शपथ पत्र में दी गई किसी जानकारी की जांच नहीं की जावेगी और उस आधार पर नाम निर्देशन पत्र निरस्त नहीं होगा। इसी वजह से शपथ पत्र में दी गई जानकारी के द्वारा उसका नाम निर्देशन पत्र निरस्त नहीं किया गया है। जिस कारण वह निर्वाचन में भाग लेकर निर्वाचित हुआ है। विधि अनुसार पंचायत निर्वाचन हेतु किसी अभ्यर्थी की शैक्षणिक योग्यता निर्धारित नहीं की गई है। पुलिस चौकी पिपरांव थाना रामपुर नैकिन से मिले आपराधिक रिकार्ड गैर याचिकाकर्ता के विरुद्ध मात्र अपराध पंजीबद्ध किए गए हैं किन्तु किसी अपराध मेंं उसे दोषसिद्ध नहीं किया गया है।
याचिकाकर्ता की ओर से प्रस्तुत दस्तावेजों से भी गैर याचिकाकर्ता को दोष सिद्ध होने की पुष्टि नहीं होती है। जबकि गैर याचिकाकर्ता की ओर से प्रस्तुत न्यायालयीन प्रकरणों के निर्णय की प्रति से यह साबित होता है कि उसे संबंधित आपराधिक प्रकरणों में दोषमुक्त किया जा चुका है। पंचायत निर्वाचन याचिकाओं के विचारण एवं निराकरण की संपूर्ण रीति मध्यप्रदेश पंचायत नियम 1995 में प्रावधानिक है। उपरोक्त नियमों के आलोक में प्रकरण परीक्षण करने पर गैर याचिकाकर्ता का निर्वाचन शून्य घोषित करने का कोई आधार याचिकाकर्ता की ओर से प्रमाणित/प्रस्तुत नहीं किए गए हैं। ऐसी स्थिति में याचिकाकर्ता की याचिका स्वीकार किए जाने योग्य न होने से निरस्त की जाती है।
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आखिर सच्चाई की हुई जीत: ऋषिराज
जनपद पंचायत रामपुर नैकिन के उपाध्यक्ष ऋषिराज मिश्रा ने कहा कि उनके जनपद सदस्य निर्वाचित होने के बाद से ही राजनीतिक दबाव बनाने के लिए झूंठे तथ्यों के आधार पर याचिका दायर की गई थी। उनके ऊपर कुछ आपराधिक प्रकरण विद्वेष भावना से दर्ज कराए गए थे उसमें भी वह न्यायालय से बरी हो चुके हैं। इस संबंध में सभी आवश्यक कागजात पुलिस थाना एवं न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किए गए थे। कलेक्टर न्यायालय में पूरे प्रकरण की लंबी सुनवाई की। सभी तथ्यों पर बिन्दुवार विचार किया। सभी तथ्यों पर सुनवाई के बाद आखिर विद्वेष भावना से दायर किए गए प्रकरण को निरस्त कर दिया गया। आखिर में जीत सच्चाई की हुई।
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