वायनाड, 30 जुलाई (वार्ता) केरल में वायनाड जिले के वेल्लारीमाला गांव के मुंडक्कई और चूरामला इलाकों में मंगलवार सुबह हुए दो बड़े भूस्खलन में मृतकों की संख्या बढ़कर 116 हो गई।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मृतकों की संख्या बढ़कर 116 हो गई है और लगभग 131 घायल लोगों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया तथा 90 लोग अभी भी लापता हैं। उन्होंने कहा कि चूरामला शहर में भूस्खलन से कम से कम 70 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए और वेल्लारामला जीवीएचएसएस स्कूल आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया और कई दुकानें पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गईं।
उन्होंने बताया कि अभी तक केवल 42 शवों की पहचान की गयी है और 20 शवों का पोस्टमार्टम किया गया है। लगभग 63 शवों को मेप्पाडी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में रखा गया था और बाकी चार शवों को मेप्पाडी के एक निजी अस्पताल में रखा गया है और 48 शवों को मलप्पुरम जिले के नीलांबुर जिला अस्पताल में रखा गया है।
चूरलमाला को मुंडक्कई से जोड़ने वाले एक अस्थायी पुल का निर्माण सेना द्वारा लगभग शाम साढ़े पांच बजे किया गया था, जबकि घायल और वृद्धों को भारतीय वायु सेना द्वारा लगभग शाम छह बजे एयरलिफ्ट किया गया था।
मुनादकई से लोगों की निकासी के तीन तरीकों से शुरू किया गया है । शाम को चूरलमाला से रोप वे, अस्थायी पुलों और हेलीकॉप्टरों के जरिए लोगों को निकाला गया। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), सैन्य कर्मी कन्नूर, पैंगोडे और चेन्नई, भारतीय नौसेना अकादमी के नौसेना बल के तहत खोज और बचाव अभियान अभी भी जारी है।
सूत्रों ने कहा कि इस घटना में जीवीएचएसएस, वेल्लारामला के कुल 582 छात्रों में से पहली और दूसरी कक्षा के 22 छात्रों अभी भी लापता हैं। स्कूल अधिकारियों ने बताया कि वे शिक्षकों के माध्यम से सभी छात्रों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अभी तक 22 छात्रों का कोई पता नही चल पाया है। स्कूल अधिकारियों के कॉल अटेंड न करने का कारण यह संदेह था कि छात्रों के कुछ मोबाइल फोन बैटरी चार्ज न होने या उनके मोबाइल खराब होने के कारण काम नहीं कर रहे हैं।
इस बीच, तिरुवनंतपुरम में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इस दुखद घटना को दिल दहला देने वाली त्रासदी बताया। मुख्यमंत्री ने केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केएसडीएमए) के कार्यालय का भी दौरा किया और चूरलमाला में चल रहे राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की।
उन्होंने कहा कि लेफ्टिनेंट कर्नल के नेतृत्व में सेना की एक टीम निकटतम नदी पार कर मुंडक्कई बाजार क्षेत्र में पहुंची, जहां से कई फंसे हुए लोगों को बचाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि निकटतम मलप्पुरम जिले में चलियार नदी से कई शव और मृतकों के पाए गए हैं।
गौरतलब है कि पहला भूस्खलन कल देर रात दो बजे हुआ और दूसरा भूस्खलन आज तड़के 4.10 बजे हुआ। मेप्पडी और मुंडाकाई चुरलमाला सहित क्षेत्र में कई स्थान अलग-थलग हो गए और चुरामाला और मुंडाकाई सड़क पूरी तरह से बह गई। वेल्लारमाला जीवीएच स्कूल पूरी तरह से जमीदोज हो गया है। उन्होंने कहा, घरों और आजीविका को भारी नुकसान हुआ है।
उन्होंने कहा, “इस त्रासदी में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विपक्ष के नेता राहुल गांधी, गृह मंत्री अमित शाह, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने सीधे फोन करके इस त्रासदी के बारे में जानकारी ली और हरसंभव मदद करने की पेशकश की है।”
उन्होंने कहा कि राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता, विपक्ष के उपनेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने फोन कर कहा है कि हम सभी इस त्रासदी में मिलकर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि वायनाड में 45 राहत शिविर खोले गए हैं और 3069 लोगों को विभिन्न शिविरों में स्थानांतरित किया गया है। राज्य भर में कुल 118 शिविर में कुल 5,531 लोगों को ठहराया गया है।