हाईकोर्ट ने कार्यवाही को किया निरस्त
जबलपुर। शासकीय उचित मूल्य राशन दुकान संचालक ने बिना कलेक्टर की सहमति से एसडीएम के आदेश पर अभियोजन प्रारंभ किये जाने को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट जस्टिस विशाल धगट ने याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि एसडीएम ने अधिकार क्षेत्र के बिना कार्य किया है। एकलपीठ ने अभियोजन कार्यवाही निरस्त करने के आदेश जारी किये है।
सागर महाराजपुर निवासी जितेन्द्र पटेरिया की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि शासकीय उचित मूल्य राशन दुकान के संचालक है। एसडीएम ने कार्यवाही के दौरान उनकी दुकान में आर्थिक अनियमितता पाई थी। आर्थिक अनियमितता की राशि उनके द्वारा सरकारी खाते में जमा कर दी गयी थी। एसडीएम के आदेश पर उनके खिलाफ अभियोजन की कार्यवाही प्रारंभ की गयी है।
याचिकाकर्ता की तरफ से तर्क दिया गया कि मध्य प्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2015 का हवाला देते हुए कहा गया था कि अभियोजन की सहमति के लिए कलेक्टर की सहमति आवश्यक है। एसडीएम ने कलेक्टर की सहमति के बिना उनके खिलाफ अभियोजन की कार्यवाही के आदेश दिये है। एकलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए पाया कि एसडीएम ने अधिकार क्षेत्र के बिना कार्य किया है। एकलपीठ ने सुनवाई के बाद याचिका का निराकरण करते हुए अभियोजन की कार्यवाही निरस्त करने के आदेश जारी किये है।