ग्रामीण अंचलों के खेतों में धान का रोपा लगना शुरु
जबलपुर। सावन के पहले सोमवार से ही हो रही अच्छी बारिश के बाद अब ग्रामीण अंचलों में किसानों के चेहरे खिल उठे हैं। गुरूवार को सुबह रिमझिम तो रात में झमाझम बारिश हुई। बारिश के बाद खेतों में पर्याप्त मात्रा में पानी भर चुका है जिससे किसानों ने धान का रोपा लगाने की शुरुआत कर दी है। उल्लेखनीय है कि खरीफ की फसल धान में अत्यधिक पानी की आवश्यकता पड़ती है। पिछले कई दिनों तक तेज धूप और बारिश न होने के कारण किसानों के चेहरे पर मायूसी छाई हुई थी और वह धान की बुवाई नहीं कर पा रहे थे। परंतु सावन सोमवार के दिन से ही हो रही अच्छी बारिश के चलते अब सभी किसानों के खेतों में पर्याप्त रूप से पानी भर गया है और अब उन्होंने रोपा लगाने की शुरुआत भी कर दी है। जिसके चलते अब खेतों में मजदूर रोपा लगाते हुए नजर आ रहे हैं।
किसानों की पहली पसंद है रोपा
बरसात के मौसम में लगने वाली धान की फसल में अधिकतर किसान रोपा लगाना ही उचित समझते हैं। हालांकि कुछ किसान बोनी के माध्यम से धान की बुवाई कर देते हैं। परंतु अत्यधिक रूप में यह देखा जाता है कि किसान रोपा ही लगाते हैं। जिसके लिए पहले रोपा का बीज डाल दिया जाता है और फिर जब वह पौधा बड़ा हो जाता है तो उसको उखाड़ कर खेतों में एक श्रृंखला में मजदूरों द्वारा लगाया जाता है।
दूर- दराज से आते हैं मजदूर
ग्रामीण अंचलों के खेतों में होने वाली धान की फसल के लिए जो रोपा लगाया जाता है, उनको लगाने के लिए मजदूर दूर- दराज से पहुंचते हैं। जिसमें खास तौर पर पाटन, तेंदूखेड़ा, दमोह, कटंगी सहित कुंडम, बघराजी आदि क्षेत्रों से सैकड़ों की संख्या में मजदूर शहर से लगे गांव में आते हैं और रोपा लगाने का कार्य करते हैं।