अमुल्लाखुर्द के बीच ट्रायल रन किया
खंडवा। सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र भेजकर खंडवा अकोला गेज कन्वर्शन कार्य में साउथ सेंट्रल रेलवे द्वारा धीमी गति से कार्य करने पर नाराजगी व्यक्त कर चिंता जाहिर की है। इसके बाद साउथ सेंट्रल के अधिकारी गुरुवार खंडवा पहुंचे। पूर्व रेल समिति सदस्य सुनील जैन और मनोज सोनी बताया की सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने 22 जुलाई को रेल मंत्री,जीएम सेंट्रल रेलवे सिकंदराबाद, डीआरएम को पत्र ई मेल किया था। उसके बाद साउथ सेंट्रल रेलवे विभाग हरकत में आया और गुरुवार को डीजल इंजन लगी तीन बोगी की ट्रेन को अकोला से वाह्य भुसावल के रास्ते खंडवा भेजा गया। जिसमें रेल अधिकारियों ने खंडवा से अमुल्लाखुर्द 54 किमी ट्रेन दौड़ाकर टेस्टिंग की। रेल अधिकारीयो ने बताया कि रेल मुख्यालय से उनको ट्रेन चलाकर ट्रैक की टेस्टिंग करने के निर्देश मिले थे। इधर सांसद पाटिल ने पत्र में उल्लेख किया था की मेरे संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत से होकर गुजरने वाले खंडवा अकोला मीटर गेज रेल मार्ग को गेज कन्वर्जन करने के लिए 1 जनवरी 2017 से रेल मार्ग बंद कर ब्रॉडगेज परिवर्तन कार्य प्रारंभ किया गया था । किंतु अभी तक पिछले 7 वर्षों बीत जाने के बाद भी खंडवा अकोला गेज कन्वर्जन आधे से भी ज्यादा कार्य हुआ ही नहीं है साउथ सेंट्रल रेलवे द्वारा हाल ही में सिंगल ट्रैक खंडवा से अमुल्लाखुर्द के बीच में बिछाया गया है। इसका सीआरएस 6 महीने पूर्व किया गया था। इस रेल मार्ग के बीच आने वाले रेलवे स्टेशनो की बिल्डिंग आज भी अधूरे स्थिति में है ।अभी तक इन मार्ग पर यात्री ट्रेन का परिचालन साउथ सेंट्रल द्वारा नहीं शुरू किया गया है। लगातार साउथ सेंट्रल रेलवे द्वारा इस प्रोजेक्ट पर लेट लतीफ कर अनदेखी की जा रही है खंडवा से अकोला तक का गेज कन्वर्जन कार्य 7 वर्ष से अधिक बीत जाने के बाद भी पूर्ण नहीं किया गया है जिससे क्षेत्र वासियों में लगातार नाराजगी व्यक्ति की जा रही है । भारत सरकार पिछले 8 वर्षों से अपने बजट में इस प्रोजेक्ट के लिए लगातार बड़े बजट राशि आवंटन करते आ रहा है बावजूद इसके साउथ सेंट्रल इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए गंभीरता नहीं दिख रहा है।