जीपीएफ सेटलमेंट के लिए 7000 लेते सीएमएचओ का बाबू पकड़ाया

 

नवभारत न्यूज

खंडवा। सीएमएचओ ऑफिस का एक बाबू 7000 की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार हुआ है। लोकायुक्त टीम ने एक रिटायर्ड कर्मचारी विजय सिंह सोलंकी का पेंशन प्रकरण निपटने के लिए 18000 रुपए की मांग की थी। मामला 7000 में तय हुआ और यही राशि लेते हुए बाबू सहायक ग्रेड 3 पीयूष चौकड़े को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया।

स्वास्थ्य विभाग पर आम लोगों के उपचार और योजनाओं की जिम्मेदारी बड़ी है। इसीलिए राज्य और केंद्र सरकार दोनों भारी बजट दे रही हैं। इसके बावजूद अधिकतर कर्मचारी और अधिकारियों की लत हो गई है कि वह बिना पैसे के काम ही नहीं करते।

ऐसे दिया कार्रवाई को अंजाम

इस बाबू को इंदौर लोकायुक्त ने ट्रैप किया। गुरुवार दोपहर लोकायुक्त पुलिस की इंदौर से आई। टीम ने एक बड़ी ट्रैप कार्रवाई करते हुए रिश्वतखोर बाबू को रंगे हाथों रिश्वत की राशि के साथ पकड़ा है। खंडवा जिले के जावर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ड्रेसर के पद पर पदस्थ विजय सिंह सोलंकी करीब 2 माह पहले अपनी शासकीय सेवा से रिटायर हुए थे।

इशारा किया और पकड़े गए

विजय सिंह सोलंकी ने रिश्वतखोर बाबू को अपना प्रकरण पास करवाने के बदले में 7000 रु नगद दिए। पैसे लेते ही उन्होंने लोकायुक्त की टीम को इशारा किया। जिसके बाद आरोपी पियूष चौकड़े को रिश्वत की राशि के साथ पकड़ा गया, और उसके खिलाफ फिलहाल कार्रवाई जारी है।

ये थी लोकायुक्त की टीम

कार्रवाई के दौरान डीएसपी दिनेश चंद्र पटेल, निरीक्षक राहुल गजभिए, निरीक्षक विक्रम चौहान, आरक्षक अनिल परमार, आशीष नायडू, पवन पटोरिया, आदित्य भदोरिया, कृष्णा अहिरवार मौजूद थे।

 

जीपीएफ सेटलमेंट के लिए मांगे थे पैसे

 

अपने ही विभाग के कर्मचारी की जीपीएफ राशि का सेटलमेंट करने के लिए रिश्वत मांगी जा रही थी। उनके काम बार-बार अटकाए जा रहे थे। इसी बीच कर्मचारी जो सेवानिवृत हो गए हैं। वे अपनी ईमानदारी से कमाई रकम की रिश्वत नहीं देना चाहते थे।किसी ने लोकायुक्त की सलाह दे दी। बाबू पीयूष चौकड़े को गिरफ्तार कर लिया गया।

 

दफ्तर में ही पकड़ा

 

टीम के प्रमुख लोकायुक्त डीएसपी दिनेशचंद्र पटेल ने बताया कि फरियादी ने लोकायुक्त एसपी को शिकायत की थी। जिसके बाद आज यह पूरी कार्रवाई की गई। आरोपी को रंगे हाथों रिश्वत की राशि के साथ पकड़ा गया है। उक्त बाबू को उसके कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी में ही ट्रैप किया गया ।

 

तंग आ गया था फरियादी

 

इस कार्रवाई के बारे में जानकारी देते हुए फरियादी विजय सिंह ने बताया कि उनके रिटायरमेंट के बाद से ही करीब 2 महीने से अपने पेंशन के पैसे और जीपीएफ प्रकरण को लेकर वे परेशान थे। मेहनत का पैसा रिश्वत में नहीं देना चाह रहे थे। उन्होंने लोकायुक्त पुलिस को एक लिखित शिकायत दी। जिसके गुरुवार दोपहर रिश्वतखोर बाबू को रंगे हाथों पकड़ा गया ।

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