पंचायत प्रतिनिधि किसी एक गांव को आदर्श गांव बनाने की ले जिम्मेदारी: प्रहलाद

भोपाल, 25 जुलाई (वार्ता) मध्यप्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने सभी स्तरों की पंचायतों के पदाधिकारियों का आव्हान किया है कि वे अपनी पसंद के किसी एक गांव को आदर्श गांव बनाने के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों और विभिन्न योजनाओं में आपसी समन्वय के साथ एक मॉडल विलेज बनाएं। उन्होंने कहा कि अपने सपनों का गांव बनाने की शुरूआत करें।

श्री पटेल आज यहां आत्मनिर्भर पंचायत-समृद्ध मध्यप्रदेश विषय पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और जर्मन संस्था जीआईजे्ड द्वारा आयोजित कार्यशाला के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। श्री पटेल ने कहा कि जो पंचायतें शहरों से से लगी हैं उनकी अपनी समस्याएं और मुददे होते हैं। वे अर्ध-शहरी कहलाती हैं। ऐसी 1200 पंचायतें हैं। इनके अध्यक्षों, उपाध्यक्षों, सदस्यों और अधिकारियों के साथ भी जल्दी ही चर्चा की जाएगी। इसी प्रकार पेसा पंचायतों और वन संरक्षित क्षेत्रों के समीप स्थित पंचायतों की स्थिति सामान्य पंचायतों से भिन्न है। उनके मुददों पर भी चर्चा की जाएगी।

श्री पटेल ने कहा जिन पंचायतों की जनसंख्या 5000 से ज्यादा है वहां दो सामुदायिक भवन बनाये जायेंगे। उन्होने पंचायत प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे उचित निर्माण स्थल का चयन करने की कार्रवाई शुरू कर दें। उन्होंने कहा कि जिला पंचायतों के पदाधिकारी जनपद पंचायतों की बैठकों में परामर्शदाता की भूमिका निभा सकते हैं लेकिन निर्णय प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करें।

पंचायत मंत्री ने कहा कि सभी पंचायतों के पदाधिकारी बैठकों के नियम की जानकारी रखें। इससे टकराव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि पंचायतों में की जा रही विकास की गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखें ताकि समय पर उनमें सुधार हो सके। श्री पटेल ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधि सामाजिक रूप से जिम्मेदार व्यक्ति होते हैं और उन्हें पूरी मेहनत से अपनी जिम्मेदारी निभाना करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि पंचायतों की सामान्य सभा की बैठकें कैबिनेट की बैठक के समान होती हैं। इसको पूरी गंभीरता से लें। जहां बैठकें नहीं हुई है वहां पर निश्चित अंतराल में इन बैठकों का आयोजन करें । यह सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। श्री पटेल ने कहा कि पंचायतों में उपलब्ध धनराशि चुने हुए पंचायत प्रतिनिधियों की सहमति से ही खर्च होगी। उन्होने पंचायत पदाधिकारियों का आव्हान किया कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनकी पंचायतों में हुए विकास कार्यों का उपयोगिता प्रमाणपत्र तत्काल प्रस्तुत कर दिया जाये। हमेशा व्यवस्थाओं में सुधार लाने के दृष्टिकोण के साथ ही काम करें।

उन्होंने कहा कि कार्यशाला में दिए गए सभी सुझावों पर विचार होगा और उपयुक्त निर्णय लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि वित्तीय अनुशासन का पालन करना आवश्यक है। कई केन्द्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन में पंचायतों की सजगता से मध्य प्रदेश का राष्ट्रीय स्तर पर नाम हुआ है।

Next Post

पत्नी के हत्यारे को आजीवन कारावास

Thu Jul 25 , 2024
Share on Facebook Tweet it Share on Reddit Pin it Share it Email भोपाल, 25 जुलाई (वार्ता) भोपाल जिले की एक अदालत ने यहां पत्नी की निर्मम तरीके से हत्या के आरोपी को दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास सुनाया है। अपर सत्र न्यायाधीश पल्लवी द्विवेदी ने आरोपी चंदन सिंह […]

You May Like