मंसूर एवं सरसों करोड़ों की राशि का घपला, न किसानों को न भुगतान मिला न उपज वापस मिल रही

सुरेश पाण्डेय पन्ना

:खास बातें:

1. जिले भर के किसान मंसूर एवं सरसों की उपज का मूल्य पाने चार माह से भटक रहे।

2. तत्कालीन डीएमओ राजपूत पर उठ रही संदेह की उंगलियां।

3. भुगतान मिला नहीं मांगने पर कह रहे उपज हो गई रिजेक्ट, फसल वापस मांगने पर रिकार्ड में दिखा दिया फर्जी वापसी।

 

 

राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार अपने आपको सबसे बड़ा किसान हितैषी कहने से नेता एवं सरकारी नुमाइंदे नहीं छक रहे। किसानों की उपज का सही मूल्य मिले इसके लिए सरकार ने सरकार ने समर्थन मूल्य पर किसानों की उपज को खरीदी केंद्रों से खरीदी कर रही है लेकिन सरकार के सारे प्रयासों पर सम्बंधित विभागीय भ्रष्ट अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने पलीता लगा दिया है। ताजा मामला विगत मई एवं जून में हुई सरसों एवं मंसूर खरीदी में प्रकाश में आया है। जिसमें करोड़ों के गबन होने की आशंका जताई जा रही है। मामला जब प्रकाश में आया जब से किसानों ने अपनी मई एवं जून में विभिन्न खरीदी केंद्रों में समर्थन मूल्य पर अपनी उपज को बेंचने के बावजूद तीन चार माह से भुगतान न मिलने के कारण जब थक गये तब मामला कलेक्टर तक पहुंचा। जब कलेक्टर द्वारा नोडल एजेंसी जिला विपणन अधिकारी को जांच के लिए दिया तो अब किसानों से मौखिक कहा जा रहा है कि आपकी फसल रिजेक्ट हो गई है। जब किसान उक्त रिजेक्ट फसल को वापस मांगा तो टाल मटोल करने लगे अब तो यह भी किसानों ने बताया कि अपने रिकार्ड में फर्जी तौर पर किसानों की उपज वापस करना भी दर्शा दिया गया है। जिसके चलते किसानों के पैर की जमीन खिसक गई और कलेक्टर की जनसुनवाई में मामला पहुंचने लगा। आज लगभग आधा दर्जन किसान अपनी उपज का मूल्य दिलाने या फसल वापस दिलाने की मांग करते हुए शिकायती पत्र सौंपा। जिसमें कलेक्टर पन्ना द्वारा सभी शिकायतकर्ताओं को नोडल एजेंसी जिला विपणन कार्यालय निराकरण के लिए भेजा उक्त किसानों को भेज दिया गया है।

बेयर हाउस पहुंचने के पूर्व ही जब उपज लापता हो गई तो कहां से मिले अनाज वापसः- हाल ही में रैपुरा में ऐसा मामला प्रकाश में आया था जिसमें कि बेयर हाउस पहुंचने के पूर्व ही समर्थन मूल्य पर खरीदे गये लाखों के सरसों की उपज लापता हो गई। जिस पर जांच उपरांत खरीदी केंद्र प्रभारी पर लाखों की वसूली अधिरोपित की गई है। ऐसा ही लगभग सभी मामलों में हुआ है कि किसानों से खरीदी गई सरसों एवं मंसूर की फसल योजनाबद्ध तरीके से लापता हो गई है। जिसमें तत्कालीन जिला विपणन अधिकारी सहित खरीदी केंद्र प्रभारी एवं समिति प्रबंधकों की भूमिका सामने आ रही है। यदि उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच कराई जाये तो करोड़ों का फसल खरीदी घोटाला उजागर हो सकता है और कई लोग जेल की सलाखों के पीछे जा सकते हैं। नीचे आज कलेक्टर पन्ना कार्यालय की जनसुनवाई में पहुंचे लगभग आधा दर्जन किसानों द्वारा की गई शिकायत के बारे में उदाहरण प्रस्तुत किये जा रहे हैं जिनसे साफ जाहिर होता है कि जिले में सरसों एंव मंसूर खरीदी में करोड़ों का घोटाला हुआ है।

प्रकरण क्रमांकः-1 कलेक्टर पन्ना की जनसुनवाई में पहुंचे आवेदक टीकाराम यादव पिता कुटारे यादव निवासी ग्राम मुटवाकला तह. देवेन्द्रनगर जिला पन्ना म.प्र. द्वारा अपने किसान कोड में मसूर 25 क्विंटल का आनलाइन विक्रय किया था जिसकी प्राप्ति रसीदतथा तौल क्रमांक 0509 जारी किया जाकर आवेदक को मसूर खरीदी की पावती दी गई थी उपरोक्त मसूर खरीदी केन्द्र बागरी वेयर हाउस सुंगरहा में देवेन्द्र फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी द्वारा की गई थी किन्तु आज दिनांक तक 30 मई 2024 को विक्रय की गई 25 क्विंटल मसूर की राशि 160625 का भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है जबकि आवेदक को उक्त मसूर के विक्रय की राशि की अत्यधिक आवश्यकता है आवेदक आर्थिक संकट में है उसे अपने खेती किसानी में रुपये की सख्त जरूरत है। आवेदक ने मसूर विक्रय की राशि दिलाये जाने की मांग की है।

प्रकरण क्रमांकः-2 आवेदक राकेश कुमार कुशवाहा पिता शंभु दयाल कुशवाहा निवासी ग्राम बिरवाही तह, देवेन्द्रनगर जिला पन्ना म.प्र. द्वारा अपने किसान कोड में सरसों 02 क्विंटल का ऑनलाइन विक्रय किया था जिसकी प्राप्ति रसीद एवं तौल क्रमांक 0388 जारी किया जाकर आवेदक को सरसों खरीदी की पावती दी गई थी उपरोक्त सरसों खरीदी केन्द्र बागरी वेयरहाउस सुगरहा में देवेन्द्र फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी द्वारा की गई थी किन्तु आज दिनांक तक 21 मई 2024 को विक्रय की गई 02 क्विटल सरसों की राशि 11300 रुपये का भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है जबकि आवेदक को उक्त सरसों के विक्रय की राशि की अत्यधिक आवश्यकता है। आवेदक ने सरसों विक्रय की राशि दिलाये जाने की मांग की है।

प्रकरण क्रमांकः-3 आवेदक अजय कुशवाहा पिता कामता कुशवाहा निवासी ग्राम कोढ़न पुरवा तह, देवेन्द्रनगर जिला पन्ना मप्र द्वारा अपने किसान कोड में सरसों 17 क्विंटल का आनलाइन विक्रय किया था जिसकी प्राप्ति रसीद एवं तौल कमांक 0390 जारी किया जाकर आवेदक को सरसों खरीदी की पावती दी गई थी उपरोक्त सरसों खरीदी केन्द्र बागरी वेयरहाउस सुगरहा में देवेन्द्र फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी द्वारा की गई थी किन्तु आज दिनांक तक 21 मई 2024 को विक्रय की गई 17 क्विंटल सरसों की राशि 96050 रूपये का भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है जबकि आवेदक को उक्त सरसों के विक्रय की राशि की अत्यधिक आवश्यकता है। आवेदक ने सरसों विक्रय की राशि दिलाये जाने की मांग की है।

प्रकरण क्रमांकः- 4 आवेदक दीपक गर्ग पिता रामकुमार गर्ग निवासी ग्राम डड़वरिया तह देवेन्द्रनगर जिला पन्ना म.प्र. द्वारा अपने किसान कोड में 12 क्विंटल सरसों का ऑनलाइन विक्रय किया था जिसकी प्राप्ति रसीद एवं तौल क्रंमाक 0387 जारी किया जाकर आवेदक को सरसों खरीदी की पावती दी गई थी उपरोक्त सरसो खरीदी केन्द्र बागरी वेयरहाउस सुगरहा में देवेन्द्र फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी द्वारा की गई थी किन्तु आज दिनांक तक 21 मई 2024 को विक्रय की गई 12 क्विंटल सरसों की राशि 67800 रूपये का भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है जबकि आवेदक को उक्त सरसों के विक्रय की राशि की अत्यधिक आवश्यकता है। आवेदक ने सरसों विक्रय की राशि दिलाये जाने की मांग की है।

प्रकरण क्रमांकः- 5 आवेदक अमित कुमार गोस्वामी पिता सुरेश कुमार गोस्वामी निवासी सलेहा तह0 गुनौर जिला पन्ना (म.प्र.) ने प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति सुंगरहा में दिनांक 21 मई 2024 एवं 23 मई 2024 को 50 क्विंटल मसूर की फसल जमा की थी, जिसका भुगतान आज दिनांक तक नहीं हुआ है। फसल के बारे में जब जिले के खाद्य विभाग, जिला विपणन अधिकारी, जिला सहकारी, सहायक आयुक्त सहकारिता, व उप संचालक, कृषि विभाग को पूर्व में पत्र के माध्यम से इस संबंध में कई बार अवगत कराया गया जिसका आज तक कोई समाधान नहीं हुआ है। दिनांक 09 जून 2024 को उपरोक्त विषय के संबंध में आवेदन दिया गया, जिसका आज तक कोई निराकरण नहीं हुआ। पूर्व में जिले के अधिकारियों के न सुनने के कारण सी.एम. हेल्पलाइन में भी शिकायत दर्ज करवाई गई थी, उसी के फलस्वरूप अधिकारियों द्वारा यह भी आरोप लगाया गया कि आपके द्वारा मसूर की फसल वापस ले ली गई है। चूंकि न ही मैंने अपनी फसल वापस उठाई है, न ही मुझे उसकी राशि प्राप्त हुई है। अधिकारियों द्वारा अपना पल्ला झाड़ लिया जाता है। अतः निवेदन है कि 07 दिवस के अंदर यदि मेरी फसल या उसकी राशि मुझे प्राप्त नहीं होती, तो मैं न्यायालय की शरण लेने के लिए बाध्य रहूंगा। कृपया कार्यवाही करने का कष्ट करें।

एक मामला ऐसा भी जहां जिसमें खरीदी हुई 23 मई को पावती दे दी 21 मई कीः- समर्थन मूल्य पर अनाज खरीदी में भ्रष्टाचार जिले में चरम पर रहा है और आज भी है और प्रदेश भर में पन्ना जिले की चर्चाएं हैं। एक ऐसा खरीदी केंद्र का मामला प्रकाश में आया है जिसमें किसान ने अपनी फसल 23 मई को विक्रय की थी और उसको पावती रशीद दो दिन पूर्व की 21 मई की दे दी गई है। मामला प्राथमिक साख सहकारी समिति सुंगरहा का है जिसमें किसान अमित गोस्वामी पिता सुरेश कुमार ने अपनी 25 क्विंटल मंसूर 23 मई विक्रय की थी जिसकी विधिवत रसीद भी प्राप्त हुई थी। लेकिन समिति प्रबंधक ने पावती रसीद में अपने हस्ताक्षर एवं सील लगाते हुए 21 मई की पावती किसान को दी है। इससे साफ जाहिर होता है कि गडबडी करने वाले कहीं न कहीं ऐसी गलती कर बैठते हैं जो उन्हीं के गले की फांस बन जाती है।

क्या कहते हैं कलेक्टरः- जब उपरोक्त मामले में कलेक्टर सुरेश कुमार से चर्चा की गई तो उन्होंने जनसुनवाई में किसानों द्वारा की गई शिकायत को स्वीकार करते हुए कहा कि इस प्रकार की जो भी शिकायतें आ रही हैं उनके लिए उन्होंने नोडल अधिकारी, जिला विपणन अधिकारी को जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। जांच प्रतिवेदन आने के उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।

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