ग्वालियर: माधव विधि महाविद्यालय एवं शोध केंद्र में बौद्धिक संपदा अधिकार विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता के तौर पर डॉ कृति राजोरिया सहायक अध्यापक एमिटी यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लाॅ उपस्थित रहीं। डॉ. कृति ने अपना उद्बोधन देते हुए कहा कि बौद्धिक संपदा हमारे मस्तिष्क के अविष्कार की एक ऐसी संपत्ति है जिस का दुरुपयोग कोई ना कर पाए इसके लिए हम उसका बौद्धिक संपदा अधिकार अधिनियम में रजिस्ट्रेशन करवाते हैं उन्होंने बताया बौद्धिक संपदा अधिकार कितने प्रकार के होते हैं, किस प्रकार से रजिस्ट्रेशन करवाया जाता है.
कितने वर्ष के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया जाता है, और कितने वर्ष के बाद यह आम जनमानस के लिए उपलब्ध हो जाती है, यदि बौद्धिक संपदा का रजिस्ट्रेशन हो और उसके बाद कोई अन्य व्यक्ति उसका दुरुपयोग करें तो किस प्रकार से उसपर वाद दायर किया जाता है, और कितनी क्षतिपूर्ति प्राप्त की जा सकती है इन सभी विषयों पर विद्यार्थियों को विस्तार से प्रशिक्षण दिया गया इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि दिल्ली से श्रीमती श्वेता धमीजा पर्सनालिटी इनफलेंजर रही। इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक प्राचार्य डॉ निति पांडेय उपस्थित रहीं। कार्यक्रम का संचालन हर्षिता शर्मा सहायक प्राध्यापक माधव विधि महाविद्यालय द्वारा किया गया।