छत्तीसगढ़ में मानसून लाया आफत, बस्तर में बाढ़ जैसे हालात

जगदलपुर, 21 जुलाई (वार्ता) छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में तीन दिन से हो रही बारिश ने जनजीवन को पूरीतरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। शहर व आसपास के क्षेत्रों में पानी भर गया है।

इधर मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए सुकमा व बीजापुर जिलों के लिए ‘रेड अलर्ट’, 48 घंटों के लिए बस्तर व सुकमा जिलों में ‘येलो अलर्ट’ तो कोंडागांव, दंतेवाड़ा, कांकेर, बीजापुर व नारायणपुर जिलों के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ घोषित किया है।

इंद्रावती नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान 7.200 मीटर के करीब पहुंच गया है। दूसरी ओर प्रशासन ने राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं।

जिला कलेक्टर विजय दयाराम के. जलभराव वाले इलाकों के दौरे पर पहुंचे और बाढ़ की स्थिति में लोगों के रेस्क्यू सहित जान-माल को बचाने को कहा।

मौसम विभाग ने रविवार की सुबह 8.30 बजे तक 86 मिमी बारिश रिकॉर्ड की है, जबकि शुक्रवार को 82 मिमी बारिश दर्ज की गई थी।

बारिश के कहर से सुकमा जिले में नदी-नाले उफान पर हैं। शबरी नदी का जलस्तर बढ़ गया है। तेलंगाना के भद्राचलम में गोदावरी नदी उग्र रूप दिखा रही है, जिससे शबरी नदी में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। अगले 24 घंटों के लिए सुकमा व बीजापुर जिले में भारी वर्षा की संभावना जताई है। कोंटा में शबरी नदी का जलस्तर 12 मीटर दर्ज किया। पहला वॉर्निंग लेवल 13.500 मीटर है। वहीं भद्राचलम में गोदावरी नदी का जलस्तर 35 फीट पर पहुंच गया है। कोंटा नगर के वार्ड 15 में बाढ़ की संभावित स्थिति को देखते हुए सतर्क रहने कहा है। शबरी नदी के उफान पर आने से कोंटा का संपर्क जिला मुख्यालय के साथ ही आंध्रप्रदेश व तेलंगाना से कट गया है। करीब 70 गांव प्रभावित हुए हैं। इधर पोलावरम परियोजना के स्लीप-वे में जलस्तर बढ़ने से सभी 48 गेट खोल दिए हैं और पांच लाख क्यूसेक पानी समुद्र में छोड़ा जा रहा है। यहां जलस्तर 31 मीटर रिकॉर्ड किया गया। सुबह करीब 10 बजे से एनएच पर एर्राबोर के पास पानी भरा। वहीं पुल के ऊपर से पानी बह रहा है। यहां पुलिस बल तैनात किया है। वहीं इंजरम में भी राष्ट्रीय राजमार्ग पर पुल के ऊपर से पानी बहने से आने-जाने पर रोक लगा दी है।

इधर दंतेवाड़ा में भी बारिश से शंखनी-डंकनी नदी, मलगेर, डुमाम, टेमरू व गोला नाले व अन्य छोटे नाले उफान पर हैं। करीब 24 से ज्यादा गांवों का ब्लॉक व जिले से संपर्क टूट गया है। शनिवार की सुबह भांसी के बंगाली कैंप के पास 50-50 मीटर की दूरी पर दो पेड़ गिरे। करीब पांच घंटे तक स्टेट हाईवे जाम रहा। मोखपाल से कटेकल्याण मार्ग भी बंद हो गया। वहीं नकुलनार से गढ़मिरी, दंतेवाडा से मसेनार व गंजेनार मार्ग पर टेमरू नाले के दोनों पुल भी डूब गए।

बीजापुर जिले में बाढ़ के हालात बनने लगे हैं। मौसम विभाग ने 24 घंटों के लिए जिले को भी ‘रेड अलर्ट’ पर रखा है। भैरमगढ़ व जांगला में एनएच 63 पर आवागमन ठप रहा। जलस्तर कम होने सेयातायात बहाल हो गया है। भैरमगढ़ के इतामपारा कन्या आश्रम में पानी भरने से 80 छात्राओं को दूसरे भवन में, बासागुड़ा पोटाकेबिन के बच्चों को सारकेगुड़ा छात्रावास और भोपालपटनम के पेगडापल्ली पोटाकेबिन के 120 बच्चे सांड्रापल्ली के नवीन पोटाकेबिन में शिफ्ट किया है। वहीं चार कच्चे मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। परिवारों को राहत शिविरों में पहुंचा दिया गया है।

तूफान एवं भारी बारिश के चलते सुकमा और बीजापुर जिले प्रभावित हुए हैं। कोण्टा ब्लॉक के एर्राबोर पुल पर बाढ़ का पानी आ जाने से शनिवार सुबह से राष्ट्रीय राजमार्ग-30 बाधित है।

वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ का आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना से संपर्क टूट गया है। वनांचल के कई नदी नाले उफान पर है। जगरगुंडा क्षेत्र सहित कोण्टा का जिला मुख्यालय सुकमा से संपर्क टूट गया है। जान जोखिम में डाल कर जगरगुंडा के मल्लेबाग उफनते नाले को पार कर रहे ग्रामीणों का वीडियो सोशल साइड पर वायरल हो रहा है। विकासखंड मुख्यालय के डिप्टी कलेक्टर शबाब खान, एएसपी आकाश राव, तहसीलदार, नपं सीएमओ बाढ़ प्रभावित वार्डों में भ्रमण कर मुनादी कराते हुए अलर्ट मोड पर रहने को कहा है। लोगों को जान जोखिम में डाल कर नदी नाले पार नहीं करने की अपील कर पुलिस प्रशासन खास नजर बनाए हुए है। कोण्टा के बगल से गुजरती शबरी नदी का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। वहीं दूसरी ओर गोदावरी का बढ़ता जल स्तर भी कोण्टावासियों के लिए परेशानी के तौर पर नजर आ रहा है। अनवरत बारिश के कारण बाढ़ की सम्भावना के मद्देनजर अलर्ट रहने के निर्देश के साथ कलेक्टर हरिस.एस द्वारा नोडल अधिकारी के तौर निर्माणाधीन नेशनल हाईवे की सड़क और पुल बाढ़ में बह गए हैं। बताया जा रहा है कि 70 गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। दल्लीराजहरा से मानपुर का संपर्क टूट गया है। इस हादसे में मानपुर मुख्यालय के खडगांव तहसील और मरीटोला सेक्टर के लगभग 70 गांव में निवासरत 50 हजार की सघन आबादी मानपुर मुख्यालय से कट गए और टापू में तब्दील हो गए हैं।

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