दादाजी के भक्तों की मेहमान नवाजी के लिए तरह-तरह के व्यंजनों के सैकड़ों भंडारे
खंडवा: हाथों में निशान लेकर श्रध्दालु ढोल-नगाड़ों की थाप पर महाराष्ट्र गुजरात, दिल्ली, राजस्थान सहित देश के विभिन्न हिस्सों एवं विदेश से दादाजी धाम पहुंचे। तीन दिनों में लाखों श्रध्दालुओं ने अवधूत संत दादाजी धुनीवाले के दरबार में पहुंच कर शीश नवाया। शहरवासी भी दादाजी भक्तों की मेजबानी में लगे रहे।गुरूपूर्णिमा के दो दिन पूर्व से ही शहर में भक्तिमय माहौल शुरू हो गया था। शहर की सडक़ें, भज लो दादाजी का नाम, भज लो हरिहरजी का नाम, से गुंजायमान हुई। भक्ति में लीन दादाजी भक्तों की टोली निशान लिए दादा दरबार पहुंच रही थीं। इनके स्वागत के लिए जगह-जगह भंडारे आयोजित किए गए। भंडारों में फलाहारी, भोजन और पेय पदार्थ के सैकड़ों स्टाल शहर भर में सजाए गए थे। आयोजक कौन हैं? पता ही नहीं चला! पूरा शहर इस भक्ति के अतिरेक में डूबा हुआ था पूरा शहर ही भोजन का पंडाल नजर आया।
सैकड़ों जत्थें पहुंचे
लगभग 400 से अधिक जत्थें शहर सहित मालवा-निमाड़, महाराष्ट्र से निशान लेकर दादाजी धाम पहुंचे। प्रशासन ने भी इस बार सुरक्षा की दृष्टि से कमर कस कर व्यवस्थाएं कीं। नगर निगम, स्वंयसेवी संस्थाओं एवं सामाजिक संगठनों द्वारा शहर की साफ-सफाई व्यवस्था पर पूरा ध्यान रखा गया। किसी को भी कोई परेशानी न हो इसके लिए दादाजी आश्रम ट्रस्ट ने भी दादाजी धाम पर मत्था टेकने पहुंचने वाले भक्तों के लिए विशेष व्यवस्थाएं कीं।
सद्भावना मंच ने किया प्रसादी का वितरण
गुरु पूर्णिमा पर सद्भावना मंच द्वारा प्रतिवर्ष अनुसार इंदौर नाके के पास पेट्रोल पंप पर प्रसादी वितरण किया गया। इस मौके पर वितरण करते हुए सद्भावना मंच अध्यक्ष प्रमोद जैन पूर्व डीएसपी आनंद तोमर, ओम पिल्ले, राजेश पोरपंथ,एन के दवे, राधेश्याम साक्य, अर्जुन बुंदेला, चंद्रहास खेडेकर, सुभाष मीणा,प्रकाश कानडे,महेंद्र मौर्य, अंकुर पाल, शोभाराम आदि थे।
खालवा से भी पैदल पहुंचे
दादाजी में आस्था रखने वाले जयंत सुशील पाराशर भी अपनी टीम के साथ 51 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर निशान के साथ दादा दरबार पहुंचे। उन्होंने बताया कि कई साल से पैदल गुरु पूर्णिमा के दिन दादा दरबार पहुंचते हैं। यहां दर्शन कर उन्होंने अच्छी बारिश और अपने क्षेत्र की समृद्धि व खुशहाली की कामना की। उनका मानना है, कि दादाजी से जो मांगो वह हमेशा पूरा हुआ है। यही वजह है कि उनमें लगातार दादाजी के प्रति श्रद्धा और आस्था बढ़ रही है।
नंगे पैर पैदल
निशान लेकर पहुंचे
दादाजी के दर्शन के लिए जहां श्रद्धालु नंगे पैरों से सैकड़ों किमी की पैदल यात्रा करके बिना थके दादाजी धाम पहुंच रहे थे। तीन दिनों से श्रद्धालुओं की आगवानी में लगे दादाजी भक्त बिना रुके उनकी सेवा में लगे रहे। मुख्य दिवस शनिवार को लाखों श्रद्धालु दादाजी धाम पहुंचे थे। रात्रि में दादाजी धाम पर लाखों की संख्या में गुरूभक्तों ने उपस्थित होकर पर्व की मुख्य महाआरती में भाग लिया।
आस्था का सैलाब उमड़ा
शहर का हर मार्ग,हर चौराहा, हर गली श्रद्धालुओं से सटी पड़ी थी। शहर के रेलवे स्टेशन रोड, बांबे बाजार, घंटाघर, टाउनहाल, जलेबी चौक, शनि मंदिर, अस्पताल चौराहा, पड़ावा, कुंडलेश्वर वार्ड,एसएन कालेज, इंदिरा चौक, माता चौक आदि क्षेत्रों में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति सतत बनी हुई थी। देर रात से चल रहे व्यंजनों के स्टाल व भंडारे भी चलते रहे।
भोजन प्रसादी का मेनू देखिए
जिले में लगभग 500 से ज्यादा स्टॉल पर शहर के नागरिकों व सामाजिक संस्थाओं के कार्यकर्ताओं ने चाय, दूध, ब्रेड के साथ पोहा, जलेबी, इमरती, मालपुआ, हलवा, गुलाबजामुन, दहीबड़े ,रसगुल्ले, समोसा, आलूबड़ा, सेंव चूड़ा, ब्रेडपकोड़ा, साऊथ इंडियन व्यंजन, भजिये के स्टॉलों के साथ भोजन स्वरूप पुरी-सब्जी, चावल पुलाव, नुक्ती,कड़ी, दाल-बाटी, बाफले, चूरमा, कड़ी, चावल व अचार के साथ कई स्थानों पर बैठाकर एवं बफे सिस्टम में प्लेट के माध्यम से भोजन प्रसादी भक्तों को ग्रहण कराई।
ड्यूटी नहीं,सेवा समझकर लगे रहे
जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के साथ निगम प्रशासन ने भी सफाई व्यवस्था एवं पेयजल वितरण व्यवस्था को लगातार बनाए रखा। इतनी बड़ी संख्या में पहुंचे दर्शनार्थियों को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ा। सबसे महत्वपूर्ण कार्य नगर निगम के सेवादारों का रहा। पूरे शहर में तीन दिन लगातार बिना किसी आराम के सफाईकर्मी लगे रहे। वे सबसे बड़ी सेवा दे रहे हैं। नगर निगम के अधिकारियों को कुछ भी कहना नहीं पड़ रहा है। कई सेवादार दो दिन पहले घर से झाड़ू लेकर निकले थे,जो अभी तक घर नहीं पहुंचे। उनकी भी सेवा को शहर का सैल्यूट।