टोक्यो, (वार्ता) राष्ट्रीय खेल दिवस के दिन टोक्यो पैरालम्पिक्स में रजत पदक जीतने वाली महिला एकल क्लास 4 की टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविनाबेन पटेल ने अपने इस पदक पर ख़ुशी जताई है और कहा है कि यह उनके लिए सपना पूरा होने जैसा है लेकिन साथ ही वह कुछ निराश हैं क्योंकि वह नर्वस हो गयी थीं।
पिछले रियो पैरालम्पिक में टिकट चूकने वाली भाविनाबेन ने टोक्यो में रजत जीतने के बाद कहा ,’उपलब्धता हमारे देश में एक बड़ा मुद्दा है और यही स्थिति नौकरियों और अन्य मौकों की है।
मुझे ख़ुशी होगी कि यदि मेरा पदक उन लाखों लोगों की आवाज बने जो विक्लांगता के शिकार हैं और उन्हें उनके मौके और उपलब्धता हासिल हो ।
मेरा तो यह भी मानना है कि मेरा रजत पदक विक्लांग लोगों के लिए एक उदाहरण बने कि कुछ भी असंभव नहीं है।’
अपनी सलाह में भाविनाबेन ने महिलाओं से कहा,’ मेरी महिलाओं को सलाह है कि खुद में आत्मविश्वास रखो और अपने कदम आगे बढ़ाओ।’
भाविना को इस उपलब्धि के लिए खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शाबाशी मिली है।भारतीय पैरालम्पिक समिति की अध्यक्ष डॉ दीपा मालिक की ख़ुशी का तो कोई ओर छोर नहीं है।उन्होंने कहा,’टोक्यो में भाविना का प्रदर्शन जबरदस्त रहा।
उनका खेल, कौशल, धैर्य और एकाग्रता सब कुछ विश्व स्तरीय था।हमारी सिल्वर गर्ल ने देश को राष्ट्रीय खेल दिवस पर यह बेहतरीन तोहफा दिया है।
मेरा मानना है कि किसी खिलाड़ी के लिए इतिहास रचने का इससे बेहतर दिन कोई और हो ही नहीं सकता।हमें पीसीआई में भाविना और उसकी उपलब्धि पर गर्व है।’