नयी दिल्ली, 17 जुलाई (वार्ता) केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सुलभ, किफायती स्वास्थ्य सेवा के लिए नवीनतम तकनीक के उपयोग पर जोर दिया है और कहा है कि भारत दुनिया के शीर्ष छह जैव-निर्माताओं में एक है और अपनी अधिक लागत प्रभावी और प्रभावकारिता आधारित जैव-विनिर्माण के साथ-साथ लागत प्रभावी स्वास्थ्य सेवा गंतव्यों में शामिल है।
डॉ सिंह यहां बुधवार को ‘अमेरिकन चैंबर ऑफ इंडिया’ (एएमसीएचएएम) के दूसरे“हेल्थकेयर सम्मेलन’ को संबोधित रहे थे। उन्होंने जैव प्रौद्योगिकी विभाग के प्रयासों और ट्रांसलेशनल स्वास्थ्य विज्ञान में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए उनकी उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत में जैव विनिर्माण और जैव फाउंड्री क्षेत्र में निवेश 2014 में 13 अरब डॉलर था जो 10 गुना बढ़कर 2024 में 130 अरब डॉलर हो गया है। देश के फार्मास्युटिकल क्षेत्र की मजबूती के बारे में मंत्री ने कहा, “भारत अमेरिका में भरे जाने वाले हर दस नुस्खों में से चार की आपूर्ति करता है, जो हमारी फार्मास्युटिकल विनिर्माण क्षमताओं को उजागर करता है।” उन्होंने इन क्षेत्रों में भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी को महत्वपूर्ण बताया।
केन्द्रीय मंत्री के पास विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री, पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन विभाग हैं।
उन्होंने सम्मेलन के उद्घाटन भाषण में कहा, “इस सम्मेलन का विषय ‘अभिनव और सुलभ स्वास्थ्य सेवा में तेजी लाना: प्रौद्योगिकी परिवर्तन’ भारत के समकालीन स्वास्थ्य मुद्दों और सभी के लिए किफायती स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के सरकारी प्रयासों के लिए काफी प्रासंगिक है।” डॉ. सिंह ने कहा, भारत ने कोविड महामारी में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया, यह इस बात की पुष्टि करता है कि मोदी सरकार 3.0 का दृढ़ विश्वास है कि सुलभ स्वास्थ्य सेवा हर नागरिक का अधिकार है।
उन्होंने कहा, “अब वे दिन लद गए जब लोग चिकित्सा सुविधाओं का उपयोग करने के लिए दूसरे विकसित देशों में जाते थे, अब भारत एक केंद्र बन गया है और चिकित्सा पर्यटन के लिए सबसे अधिक मांग वाला गंतव्य है और निवारक स्वास्थ्य सेवा में अग्रणी देशों में से एक है।”
डॉ. सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा तक समान पहुँच सुनिश्चित करने में प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। प्रौद्योगिकी स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में क्रांति ला रही है, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) उपकरणों का एकीकरण प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर हमारी क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा सकता है, हम दक्षता बढ़ा सकते हैं, प्रतीक्षा समय कम कर सकते हैं और समग्र स्वास्थ्य सेवा वितरण में सुधार कर सकते हैं।
टेलीमेडिसिन के साथ अपने अनुभव को साझा करते हुए, उन्होंने बताया कि कैसे इसने स्वास्थ्य सेवा को बदल दिया है और जम्मू-कश्मीर के दूरदराज के गांवों तक भी सेवाओं को सुलभ बना दिया है।
डॉ. सिंह ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में बढ़ते सहयोग पर जोर दिया। यह समझना महत्वपूर्ण है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, निजी भागीदारी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है और हमें एक पूरे समाज के रूप में सही दिशा में कदम उठाने होंगे। मंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने से कुछ ही महीनों में 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का निजी निवेश हुआ है और 2022 में एक स्टार्टअप से स्टार्टअप की संख्या बढ़कर वर्तमान में 200 से अधिक हो गई है।
कार्यक्रम में मुख्य कार्यकारी अधिकारी एएमसीएचएएम की महानिदेशक रंजना खन्ना, एएमसीएचएएम के अध्यक्ष सोम सत्संगी और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की प्रतिष्ठित कई फर्मों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।