वार्ड क्रमांक 18 का, घटिया नाली निमार्ण कार्य का मामला, साफ-सफाई का ठप्प होने का भी उठाया मुद्दा
सिंगरौली : वार्ड क्रमांक 18 सुदर्शन क्षेत्र के पार्षद अखिलेश सिंह ने निगमयुक्त को पत्र लिखकर अधिकारियों की मनमानी एवं संविदाकार के द्वारा घटिया नाली निर्माण कार्य किये जाने सहित अन्य मुद्दों का जिक्र कर अपनी पीड़ा सुनाया है।ननि आयुक्त को पत्र के माध्यम से पार्षद ने अवगत कराया है कि वार्ड क्रमांक 18 सुदर्शन क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न गलियों में नाली निर्माण कार्य अत्यधिक कम दर पर कार्य इंपैक्ट इंडिया फार्म को प्राप्त हुआ था। जिससे यह भी बताया है कि मैं पत्र के माध्यम से कार्यपालन यांत्री को अवगत कराया था की संविदा कार से संवाद स्थापित कर गुणवत्ता पूर्ण कार्य समय सीमा पर करने की हिदायत देने के बाद ही कार्य आदेश जारी करियेगा।
जिससे हमें हमारे वार्ड वासियों को किसी प्रकार की कोई समस्या ना हो। लेकिन जो आशंका थी वह समस्या सामने खड़ी हो गई है। इंपैक्ट इंडिया फॉर्म ने कार्य गुणवत्ता विहीन किया जा रहा है। एस्टीमेट का पालन नहीं किया जा रहा है। नाली निर्माण कार्य करने के लिए समय निर्धारित था। साइड में किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है। साइड क्लियर है। संविदाकार साइड क्लियर ना होने का बहाना करते हुए काम को पूर्ण नही कर रहा है। जहां-जहां नाली निर्माण किया है। सभी जगह अधूरे पड़े हैं। आए दिन शिकवा शिकायत आमजन करते रहते हैं । संविदाकार से बात करने पर संतोष जनक जवाब नहीं मिलता है। सीएम हेल्पलाइन की शिकायतें होती हैं। एसडीओ इंजीनियर हमारे ऊपर दबाव बनाते हैं की शिकायत बन्द कराने और मैं पब्लिक पर दबाव बनाकर के शिकायत कटवाता हूं। इस तरह से हमारी छवि भी धूमिल हो रही है । जिससे मैं काफी परेशान हूं।
वार्ड की साफ-सफाई व्यवस्था ठप
नगर पालिक निगम सिंगरौली के वार्ड क्रमांक 18 सुदर्शन नगर के पार्षद अखिलेश सिंह ने नगर निगम आयुक्त को पत्र के माध्यम से अवगत कराया है कि क्षेत्र में साफ-सफाई कार्य नही कराया जा रहा है। समय-समय पर आपको फोन के माध्यम से अवगत कराया गया। विभाग के उदासीनता से गंदगी का अम्बार लगा हुआ है। कीटनाशक दवाइयों का छिड़क ाव , फागिंग मशीन का उपयोग इस वार्ड के क्षेत्र में नही किया जाता है। साथ ही मृत जानवरों को उठाने के लिए जो वाहन कभी-कभार आते हैं वह जानवरों को नही उठाते, बल्कि वार्ड में ही इधर-उधर फेंक देते हैं। जिससे बदबू बनी रहती है। पार्षद ने उक्त पत्र महापौर को भी भेजा है। पार्षद के इस पत्र नगर निगम के अधिकारियो ंकी मनमानी एवं साफ-सफाई व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किये जाने लगे हैं।