*जुम्मे के दिन से शुरू हुआ मगफिरत का दूसरा अशरा*
ग्वालियर। माह-ए-रमजान के दूसरे जुमे की नमाज में शहर व गांवों की सभी मस्जिदों में पूरी अकीदत के साथ पढ़ी गयी। इसके साथ ही रमजान का दूसरा अशरा भी शुरू हो गया है। पहला अशरा रहमत का जुमेरात यानी गुरुवार को पूरा हो गया। इस अशरे में रोजेदारों पर अल्लाह की रहमत बरसती है। रमजान का दूसरा अशरा जुमे यानी आज शुक्रवार से शुरू हो गया है।
दूसरा अशरा मगफिरत का होता है। इसमें गुनाहों की माफी का अशरा होता है, जो भी मुसलमान सच्चे दिल से अल्लाह की इबादत कर गुनाहों की माफी मांगता हैं, उन्हें अल्लाह जरूर माफ कर देता हैं। रोजेदार नेकी की राह पर चल कर लोगों की भलाई करते हैं। जुमे की नमाज के प्रति लोगों में काफी उत्साह था। लोग अज़ान होने से पहले ही मस्जिद पहुंचने लगे थे। नमाज के पहले तकरीर एवं खुतबा पढ़ा गया। नमाज खत्म होने के बाद सामूहिक रूप से लोगों ने देश मे अमन चैन के लिए दुआ मांगी।
12 वर्ष के बेटे मुजम्मिल ख़ान ने भी पहला रोजा रखा
कम्पू ईदगाह निवासी असलम ख़ान के 12 वर्ष के बेटे मुजम्मिल ख़ान ने भी पहला रोजा रखा।अल्लाह की इबादत कर शाम में अज़ान के बाद इफ्तार किया।
शहर क़ाज़ी अब्दुल अज़ीज़ क़ादरी ने बताया कि मज़हबे इस्लाम में जुमा की नमाज की खास अहमियत है। रमजान
को इबादत और बरकत का पाक महीना माना जाता है। इस पूरे महीने में मुसलमान रोजा रखते हैं। सभी मस्जिदों में नमाज अदा कर लोगों ने दुआएं मांगीं।