ब्रिटिश काउंसिल और एचएसबीसी इंडिया ने भारत में ‘क्लाइमेट चेंज – सीड्स फॉर ट्रैन्ज़िशन इंडिया’ नामक परियोजना की शुरुआत की

नई दिल्ली, 12 जुलाई (वार्ता) शैक्षिक अवसरों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए यूके के अंतरराष्ट्रीय संगठन ब्रिटिश काउंसिल, ने एचएसबीसी इंडिया के साथ साझेदारी में ‘क्लाइमेट चेंज – सीड्स फॉर टट्रैन्ज़िशन इंडिया’ नामक परियोजना की शुरुआत की है।

क्लाइमेट चेंज – सीड्स फॉर ट्रैन्ज़िशन इंडिया का उद्देश्य भारत में युवाओं और समुदायों को जलवायु परिवर्तन के आसन्न प्रभाव के प्रति रेसिलिएंट होने और नेट जीरो में बदलाव के अवसरों में योगदान करने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करना है। यह कार्यक्रम विश्व स्तर पर जलवायु कौशल का दृष्टिकोण स्थापित करने के लिए ब्रिटिश काउंसिल के लंबे समय से चल रहे अंतर्राष्ट्रीय प्रयास का एक हिस्सा है जो युवाओं को सशक्त बनाता है, निर्णयकर्ताओं को वैकल्पिक जलवायु शिक्षा की रणनीतियों के बारे में सूचित करता है, और जमीनी स्तर पर, राष्ट्रीय और वैश्विक जलवायु चुनौतियों का समाधान करता है। यह केवल चर्चा मात्र से आगे बढ़कर सरकारों, समुदायों और संस्थानों के साथ साझेदारी करने का प्रयास करता है, जिससे भविष्य की पीढ़ी के लिए ठोस समाधान तैयार किए जा सकें ताकि जीवन के सभी पहलुओं पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को बेहतर ढंग से समझा जा सके और उन्हें जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर आवश्यक कौशल से लैस किया जा सके।यह परियोजना भारत, ब्राजील, इंडोनेशिया, मैक्सिको और वियतनाम सहित पांच देशों में 18-30 वर्ष की आयु के युवाओं के साथ काम करती है।

ब्रिटिश काउंसिल के चीफ इग्ज़ेक्यटिव स्कॉट मैकडोनाल्ड ने कहा, ब्रिटिश काउंसिल में हम युवाओं को जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान से सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ‘क्लाइमेट चेंज – सीड्स फॉर ट्रैन्ज़िशन इंडिया’ नामक परियोजना पर एचएसबीसी के साथ हमारी साझेदारी सस्टेनेबल भविष्य के हमारे साझा दृष्टिकोण को दर्शाती है। आवश्यक जलवायु रेसिलिएंस स्किल कौशल से लैस हो कर युवा हरित अर्थव्यवस्थाओं में परिवर्तन का नेतृत्व कर सकते हैं और अपने समुदायों में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। ये कौशल हमारे ग्रह और उसके प्राकृतिक संसाधनों के जीवन के अनुमानों पर विचार करते समय तेजी से महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं।

एचएसबीसी इंडिया के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर हितेंद्र दवे ने कहा, ब्रिटिश काउंसिल के साथ सहयोग और ऐसे कार्यक्रमों के सह-निर्माण का हमारा लंबा इतिहास रहा है जो एक बड़े सामाजिक उद्देश्य को प्राप्त करने में मदद करते हैं। जलवायु कौशल कार्यक्रम पर हमारी साझेदारी युवाओं और शिक्षा पर केंद्रित होगी, जो युवा पीढ़ी को जलवायु परिवर्तन को समझने और उसके अनुकूल होने के लिए तैयार करने में हमारी संयुक्त प्रतिबद्धता को दर्शाती है। साथ मिलकर, हमारा लक्ष्य भारत में हाशिए पर पड़े युवा समुदायों के बीच जलवायु साक्षरता और रोजगार क्षमता में सुधार करना है।

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