नयी दिल्ली (वार्ता) दूरसंचार सचिव सचिव डॉ. नीरज मित्तल ने उद्योग और टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) से गांवों को गोद लेने तथा प्रौद्योगिकी का उपयोग कर इन गांवों को इंटेलिजेंट गांव के रूप में विकसित करने की अपील की है।
ग्रामीण क्षेत्रों के जीवन में क्रांति लाने के लिए 5जी जैसी भविष्य की प्रौद्योगिकियों की परिवर्तनकारी क्षमता पर आज यहां एक कार्यशाला आयोजित की गई जिसके शुभारंभ के अवसर डॉ़ मित्तल ने यह अपील की।
कार्यशाला का फोकस ‘ग्रामीण परिदृश्य में बदलाव: 5जी इंटेलिजेंट गांवों को आकार देना’ रहा।
ग्रामीण विकास की गति को बढ़ाने की सरकार की प्राथमिकता पर जोर देते हुए कार्यशाला में ग्रामीण जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार लाने के लिए कनेक्टिविटी, डिजिटल साक्षरता और टिकाऊ प्रथाओं में बदलाव के उद्देश्य से की गई पहलों को प्रदर्शित किया गया।
डॉ. मित्तल ने कहा कि इंटेलिजेंट गांवों के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों की आवश्यकता है।
उन्होंने ‘स्मार्ट’ और ‘इंटेलिजेंट’ गांवों की अवधारणा पर चर्चा करते हुए इन समुदायों की आपसी संवाद कायम करने, अपने परिवेश को समझने, डेटा संचारित करने और ज्ञान प्राप्त करने की क्षमता पर जोर दिया, ताकि वे जानकारी आधारित निर्णय लेने में सक्षम हों।
उन्होंने उद्योग और टीएसपी से आग्रह किया कि वे आगे आएं, गांवों को अपनाएं और उन्हें इंटेलिजेंट गांव बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करें।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि कार्यशाला के निष्कर्ष हमारे ग्रामीण समुदायों के टिकाऊ और समृद्ध भविष्य निर्माण के लिए स्मार्ट समाधान देंगे।
डिजिटल संचार आयोग की सदस्य (दूरसंचार) मधु अरोड़ा ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच डिजिटल अंतर को पाटने की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि विकसित हो रही प्रौद्योगिकियों में ग्रामीण लोगों के जीवन के सभी क्षेत्रों को समृद्ध करने की क्षमता है, चाहे वह शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, कृषि, संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों का बुद्धिमानी से उपयोग आदि कोई भी क्षेत्र हो।
कार्यशाला में ‘ग्रामीण कनेक्टिविटी का आधार बनाना’; ‘वास्तविक दुनिया में उपयोग के मामले और नवाचार’; ‘एआई-संचालित वास्तविक समय निगरानी’; और ‘ऑन-ग्राउंड 5जी नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर’ जैसे सत्र शामिल थे।
“इंटेलिजेंट गांवों” को आकार देने के संबंध में एक पैनल चर्चा भी आयोजित की गई।
इसमें अक्षय ऊर्जा, स्मार्ट कृषि, डिजिटल साक्षरता और बुनियादी ढांचे के विकास जैसे विषयों पर कई प्रस्तुतियाँ और बातचीत शामिल थीं।
कार्यशाला के प्रतिभागियों को उद्योग के विशेषज्ञों से जुड़ने और अपने समुदायों में इन तकनीकों के व्यावहारिक अनुप्रयोगों का पता लगाने का अवसर मिला।