जबलपुर। नगर प्रशासन के कार्यालय कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार के बाहर ही अतिक्रमणकारी रोज दुकानें सजा रहे हैं। मुख्य सडक़ों ओर फुटपॉथों पर अतिक्रमण किए जाने में एक बार फिर कलेक्ट्रेट के सामने के हालात अराजक हो गए हैं। मार्ग के दोनों तरफ बने फुटपॉथ पर खिलौने, चश्मे, कपड़े और हेल्मेट बेचने वालों ने अपना कब्जा सडक़ तक जमा लिया है। दुकानों की सामग्री सडक़ तक बढ़ा देने के कारण यह मार्ग दिन व दिन सिकुड़ता जा रहा है। इतना ही नहीं कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वारों के ठीक बाहर चाय-नाश्ते, गुटके वालों ने अपना ठिया जमा कर रखा है। आलम यह है कि इन फुटपॉथों पर पैदल चलने की बिल्कुल जगह नहीं बचती है। लिहाजा आम लोगों को ना चाहते हुए भी मुख्य मार्ग का सहारा लेकर चलना पड़ता है। जिसके चलते इन कब्जेधारियों के हौसले रोज बढ़ते जा रहे है। धीरे-धीरे यह अतिक्रमणकारी उच्च न्यायालय से आगे रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म नं.6 के मार्ग तक पहुंचने लगे हैं।
लगता है जाम
पर्यटन चौक से उच्च न्यायालय चौराहे और रेलवे स्टेशन माल गोदाम मार्ग में जमे अतिक्रमणकारियों के कारण उच्च न्यायालय चौक के आस-पास रोज जाम लगता रहता है। खास कर पास ही लाइन से बने स्कूलों के छूटने के समय स्थिती यह रहती है कि कब्जेधारियों के चलते सकरी हुई सडक़ें यातायात का भारी दबाव झेल पाने में नाकाम साबित हो जाती है। जिसके चलते कलेक्ट्रेट और उच्च न्यायालय के आस पास वाले मार्ग पर हमेशा जाम के हालात बने रहते हैं।
फिर जमा लेते है कब्जा
नगर निगम अतिक्रमण विभाग द्वारा कार्रवाई समय-समय पर की जाती है। लेकिन जानकारों की माने तो कार्रवाई होने के कुछ घंटे बाद ही नए ठेले टपरों के साथ अतिक्रमणकारी फिर उसी जगह काबिज हो जाते है। इतना ही नहीं कई बार अतिक्रमण अमले को कब्जेधारियों द्वारा घौंस भी दी जाती है। जिसके चलते इन अतिक्रमणकारियों के हौसलों का अंदाजा लगाया जा सकता है। नगर प्रशासन को अपनी आंखों के सामने जमे इन कब्जेधारियों पर कार्रवाई कर यह चौराहा और कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वारों को अतिक्रमण रहित रखना चाहिए।
इनका कहना है
व्यापार की जगह ना मिल पाने के कारण छोटे दुकानदारों क ो सडक़ ों के अगल बलग अपनी दुकानें सजानी पड़ती है। अगर इन को एक जगह विस्थापित कर दिया जाये तो यह समस्या खत्म हो सकती है।
अनिल
कलेक्ट्रेट के आस पास जमे अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई की जाएगी । फुटपाथ पर व्यापार करना गलत है रही बात सडक़ बाधित होने की तो अतिक्रमण के हटते ही सारी परेशानी दूर हो जाएगी।
सागर बोरकर , अतिक्रमण अधिकारी, नगर निगम