नगमा, कर्सुआराजा के मुआवजाखोर मकानों पर चला बुल्डोजर

तूतू-मैंमैं के बीच आधा सैकड़ा से अधिक मकान जमीदोज, एक सैकड़ा से अधिक भारी संख्या में मौजूद रहा पुलिस बल, करीब छ: घण्टे तक चली कार्रवाई

सिंगरौली : नगमा, कर्सुआराजा गांव में औद्योगिक कंपनी के अधिग्रहित भूमि में करीब आधा सैकड़ा से अधिक स्थानीय लोगों ने दोबारा मुआवजा हासिल करने मकान बना लिया था। जहां आज दिन मंगलवार को प्रशासन एवं पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुये पुराने मकानों को छोड़ नये मकानों को बुल्डोजर से जमीदोज करा दिया। इस दौरान स्थानीय लोगों एवं पुलिस, प्रशासन तथा औद्योगिक क ंपनी के अमले से तूतू-मैंमैं के साथ-साथ जमकर कहा सुनी हुई।

गौरतलब है कि नगमा एवं कर्सुआराजा सहित आसपास के भूमियों को एस्सार पावर बंधौरा ने अधिग्रहित किया था। जहां एस्सार पावर ने पावर प्लांट को अदाणी कंपनी को बिक्री कर दिया। इस दौरान करीब आधा सैकड़ा से अधिक उक्त गांव के लोगों ने फिर से मुआवजा हथियाने के नियत से देखते ही देखते मकान बना लिया। इनकी संख्या करीब आधा सैकड़ा से अधिक बताई जा रही है। सूत्र बतातें है कि अदाणी पावर कंपनी अधिग्रहित भूमि के बाउंड्रीबाल के अन्दर बने मकानों को गिराने के लिए प्रशासन के यहां प्रयास करता रहा।

आखिरकार आज दिन मंगलवार को एसडीएम माड़ा राजेश शुक्ला, तहसीलदार अजयराज सिंह व आरआई, पटवारी सहित जिले के करीब सवा सौ से अधिक पुलिस बल जिसमें मोरवा टीआई कपूर त्रिपाठी, बरगवां टीआई शिवपूजन मिश्रा, यातायात निरीक्षक विद्यावारिधि तिवारी, जियावन टीआई आरपी पाठक, विंध्यनगर टीआई अर्चना द्विवेदी सहित माड़ा थाना के साथ-साथ सासन, बंधौरा, गोभा के प्रभारी व पुलिस बल तथा पुलिस लाईन का बल भारी तादात में उक्त गांव पहुंच अवैध मकानों को को जमीदोज करा दिया। इस दौरान चितरंगी एसडीओपी आशीष जैन, देवसर एसडीओपी राहुल कुमार सैयाम मौजूद थे। जहां अवैध मकानों को ध्वस्त करा दिया गया। हालांकि इस दौरान स्थानीय लोग विरोध भी कर रहे थे। लेकिन प्रशासन पुलिस के आगे उनकी एक भी नही चली। हॉ इतना जरूर था कि 2009 के पूर्व जो पुराने मकान थे उन्हें नही हटाया गया।
प्रेसर पर हुई आनन-फानन में कार्रवाई
जानकारी के मुताबिक पावर कंपनी के द्वारा नायब तहसीलदार न्यायालय में बेदखल की कार्रवाई किये जाने का प्रकरण चल रहा था। किन्तु सूत्र बतातें है कि राजस्व अमला भी उक्त प्रकरणों का निराकरण धीरे- धीरे कर रहा था। किन्तु इसी दौरान भोपाल से जिला अधिकारियों को प्रेसर पड़ा कि आनन-फानन में कार्रवाई करने का मन बना लिया। जबकि सोमवार की दोपहर तक ऐसी क ोई सुगबुगाहट नही थी। हालांकि कुछ गांव के लोग ही बतातें है कि जिन मकानों को गिराया गया है। वे दोबारा मुआवजा लेने के चक्कर में सीट का मकान बनाया था। प्रशासन ने उनके मनसुबों पर पानी फे र दिया।
कार्रवाई हो गई कलेक्टर रहे बेखबर
नगमा एवं कर्सुआराजा में आज पावर कंपनी के अधिग्रहित भूमि में अवैध मकानों पर बुल्डोजर चल गया। लेकिन जिले के कलेक्टर को भनक तक नही लगी। उनसे जब इस मामले में जानकारी ली गई तो उन्होंने साफतौर पर कहा कि मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नही है। इसबारे में एसडीएम माड़ा ही बता पाएंगे। उक्त गांव में इतनी बड़ी कार्रवाई हो गई और कलेक्टर को जानकारी तक नही लगी। यह बात लोगों के गले से नही उतर रही है। जबकि आज राजस्व अमले की कलेक्टर के अध्यक्षता में बैठक थी। जबकि बैठक में माड़ा एसडीएम एवं तहसीलदार शामिल नही थे।
इनका कहना
जो पुराने एवं जिन मकानों का प्रकरण न्यायालय में चल रहा है। उन्हें नही गिराया गया है। 6 महीने से लेकर 3 साल के अन्दर जिसमें मुआवजा के चक्कर में मकान बनाया है। उनके विरूद्ध कंपनी के द्वारा बेदखल कराने आवेदन दिया। दोनों पक्षों को नायब तहसीलदार के सुनने के बाद मकानों को गिराया गया।
अजयराज सिंह
तहसीलदार, माड़ा

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