नयी दिल्ली, 05 जुलाई (वार्ता) सरकार ने रसोईघर में प्रयोग वोने वाले स्टेनलेस स्टील और एल्युमिनियम के पकाने-परोसने के बर्तनों की सुरक्षा, गुणवत्ता और दक्षता को बढ़ाने के उद्देश्य से बर्तन विनिर्माताओं पर भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के गुणवत्ता संबंधी दिशा-निर्देशों को अनिवार्य बना दिया है।
इस तरह बर्तनों पर आईएसआई की मुहर अनिवार्य कर दी गयी है और इसका उल्लंघन करना दंडनीय बना दिया गया है।
उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की शुक्रवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस संबंध में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा 14 मार्च, 2024 को जारी गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के अनुसार ऐसे बर्तनों पर आईएसआई चिह्न अनिवार्य कर दिया गया।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसका अनुपालन न करना दंडनीय है।
बीआईएस ने आवश्यक रसोई वस्तुओं को शामिल करने वाले मानकों की एक सूची बनायी है। इन मानकों को प्रस्तुत करके बीआईएस का उद्देश्य बेहतर उत्पाद प्रदर्शन और उपभोक्ता सुरक्षा को बढ़ावा देते हुये व्यंजनों की सांस्कृतिक विविधता को बनाये रखना है।
क्रोमियम और निकेल, मोलिब्डेनम और मैगनीज जैसी अन्य धातुओं के साथ स्टील के मिश्र धातु से बना स्टेनलेस स्टील अपने बेहतर संक्षारण प्रतिरोध और मजबूत यांत्रिक गुणों के लिये जाना जाता है। बीआईएस ने इन विशेषताओं को भारतीय मानक आईएस 14756:2022 में सूचीबद्ध किया है।
इसके तहत विनिर्माण में प्रयुक्त सामग्री की सुरक्षित संरचना, बर्तन के डिजाइन में एकरूपता और व्यावहारिकता का समावेश और शिल्प कौशल और सुगढ़ता संबंधी दिशा-निर्देश अनिवार्य कर दिये गये हैं।
ये बर्तन स्टेमिंग , मैकेनिकल शॉक , थर्मल शॉक, ड्राई हीट , कोटिंग थिक्नेस, नॉमिनल क्षमता, फ्लेम स्टेबिलिटी तथा टेम्पर्ड ग्लास ढक्कन वाले बर्तनों के लिए परीक्षणों पर खरे उतरने चाहिये।
स्टील के अलावा एल्युमिनियम के बर्तन घरेलू और व्यावसायिक रसोई दोनों का प्रमुख आधार हैं। इनके संबंध में बीआईएस ने भारतीय मानक आईएस 1660:2024 तैयार किया है, जो हार्ड एनोडाइज्ड और नॉन-स्टिक अनरीइंफोर्स्ड प्लास्टिक कोटिंग सहित 30 लीटर तक की क्षमता तक निर्मित और ढले हुये एल्युमिनियम बर्तनों के लिये विनिर्देशों को रेखांकित करता है। यह मानक सुनिश्चित करता है कि एल्युमिनियम के बर्तन उच्चतम सामग्री गुणवत्ता और प्रदर्शन मानकों को पूरा करते हैं।