गाजीपुर 01 जुलाई (वार्ता) राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि विविधताओं से परिपूर्ण भारत की नयी पीढ़ी को देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को जानना और यहां की माटी से जुड़ना नितांत जरुरी है।
सिद्धपीठ हथियाराम मठ में दर्शन पूजन के बाद कैलाश भवन में विशिष्टजनो से बातचीत में डा भागवत ने कहा कि भारत सदैव से विविधताओं से परिपूर्ण देश रहा है। प्राकृतिक संपदाओं से लेकर यहां की लोक रीति परंपराएं सदैव लोक कल्याणकारी रही हैं।
उन्होने कहा कि वन क्षेत्र में आदिवासी समाज आज भी वनों की उपज से अपना पेट भरता है। उनमें वह कौन सी ताकत पाई जाती हैं, इन विषयों पर भी शोध होना चाहिए। तमाम ऐसी औषधीय व खाद्यान्न हमें प्रकृति देती है जो काफी लाभप्रद होता है। हमें अपने परंपरा, प्राकृतिक स्रोत, संसाधन, संस्कृति, लोकरीति पर शोध ही नहीं करना है बल्कि आने वाली पीढियां को पूर्णता अवगत कराना है। नई पीढ़ी का माटी से जुड़ाव होना नितांत आवश्यक है जिससे समाज राष्ट्र का कल्याण संभव है।
चर्चा के दौरान कैबिनेट मंत्री दयाशंकर सिंह, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के जस्टिस शमीम अहमद, विद्यापीठ के वाइस चांसलर, गुजरात स्थित विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर, राष्ट्रीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष संजय सिंह सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।